...तो क्या ChatGPT बन जाएगा पैसे कमाने की मशीन? कंपनी कर रही है यह प्लानिंग
ओपनएआई अपने चैटबॉट चैटजीपीटी को पैसे कमाने की मशीन में बदलना चाहती है. कंपनी को उम्मीद है कि 2030 तक उसके करीब 8.5 प्रतिशत यूजर्स पेड सर्विस का इस्तेमाल करेंगे.

एआई चैटबॉट चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई अब एक नया प्लान बना रही है. कंपनी की योजना अब सिर्फ नए और स्मार्ट चैटबॉट बनाना नहीं है बल्कि अपने चैटबॉट को पैसे कमाने की मशीन में बदलने का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओपनएआई चैटजीपीटी के यूजर्स को पेड सब्सक्राइबर्स में बदलना चाहती है. कंपनी को उम्मीद है कि उसके 2.6 अरब वीकली यूजर्स में 8.5 प्रतिशत यानी करीब 22 करोड़ यूजर्स चैटजीपीटी का प्रीमियम वर्जन खरीदेंगे. अगर ऐसा होता है तो यह दुनिया की सबसे बड़ी सब्सक्रिप्शन सर्विस बन सकती है.
अभी कितने यूजर करते हैं प्रीमियम सर्विस का यूज
इस साल जुलाई तक चैटजीपीटी के लगभ 5 प्रतिशत वीकली एक्टिव यूजर्स (करीब 3.5 करोड़) कंपनी के प्लस और प्रो प्लान का यूज करते हैं.भारत में इनकी कीमत क्रमश: 1,999 रुपये और 19,900 रुपये प्रति महीना है. ओपनएआई का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और आगे चलकर और बड़ी संख्या में लोग उसकी पेड सर्विसेस को यूज करेंगे.
अभी कैसी है कंपनी की वित्तीय हालत
ओपनएआई लगातार पॉपुलर होती जा रही है, लेकिन इसकी आर्थिक स्थित ग्रोथ और लागत के बीच फंसी हुई है. कंपनी की सालाना रेवेन्यू रन रेट इस साल के आखिर तक 20 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, लेकिन इसके साथ ही खर्चे भी आसमान छू रहे हैं. एडवांस्ड एआई सिस्टम चलाने और रिसर्च के लिए कंपनी की कंप्यूटेशनल डिमांड भी बढ़ रही है, जिससे लागत बढ़ती जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की पहली छमाही में ओपनएआई ने 4.3 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू जनरेट किया था, लेकिन इस समयावधि के दौरान उसने 2.5 बिलियन डॉलर खर्च किए थे.
आमदनी के दूसरे तरीके भी देख रही कंपनी
सब्सक्रिप्शन के अलावा ओपनएआई आमदनी के दूसरे तरीके भी एक्सप्लोर कर रही है. कंपनी को उम्मीद है कि भविष्य में उसकी 20 प्रतिशत आमदनी चैटजीपीटी में शॉपिंग और एडवरटाइजमेंट वाले फीचर्स से आएगी.
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