Road Deaths In India: देश में 2024 में सबसे ज्यादा लोग हुए सड़क हादसे के शिकार, आंकड़े देखकर उड़ जाएंगे होश
Road Deaths In India: 2024 में भारत में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या 1.77 लाख हो गई है. इन आंकड़ों ने सब को चौंका दिया है. आइए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी.

Road Deaths In India: भारत में 2024 में काफी ज्यादा सड़क हादसे देखने को मिले. सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या 1.77 लाख के साथ अब तक की सबसे ज्यादा हो चुकी है. 2024 देश के ट्रैफिक इतिहास का सबसे ज्यादा खतरनाक साल रहा. सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में ये चौंकाने वाले आंकड़े बताए हैं. इनसे पता चलता है कि जागरूकता अभियान, बदलते ट्रैफिक जुर्माने और इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के बावजूद भी भारत में सड़क सुरक्षा का मौजूदा संकट खराब ही है. 2023 में मरने वालों की संख्या 1.73 लाख थी.
देशभर में मौतों में तेजी से बढ़ोतरी
सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि 2024 में सड़क हादसा में 1,77,177 लोग मारे गए. इस डेटा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली एक्सीडेंट की जानकारी और ईडीएआर पोर्टल के जरिए पश्चिम बंगाल से मिली जानकारी शामिल है. इसी के साथ अकेले नेशनल हाईवे पर 54,433 मौतें हुई. यह देश में होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का लगभग 31% है.
उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर
सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश में 2023 और 2024 दोनों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. 2023 में यहां 23,652 मौत दर्ज की गई. इसी के साथ 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 24,118 हो गया. वहीं अगर तमिलनाडु की बात करें तो यहां 2023 में 18,347 मौतें हुई. 2024 में यह आंकड़ा 18,449 का हो गया. महाराष्ट्र में मौत की संख्या 15,366 से बढ़कर 15,715 हो गई.
मध्य प्रदेश में संकट का संकेत
मध्य प्रदेश में सबसे तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली. 2023 में यहां 13,798 मौत हुई थी और 2024 में यह आंकड़ा 14,791 का हो गया. वहीं कर्नाटक और राजस्थान में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली. कर्नाटक में मरने वालों की संख्या 12,321 से बढ़कर 12,390 हो गई और राजस्थान में 11,762 से बढ़कर 11,790 हो गई. इसी के साथ बिहार में 8,873 से बढ़कर संख्या 9347 हो गई. वहीं आंध्र प्रदेश में भी यह संख्या 8,137 से बढ़कर 8,346 हो गई.
2024 के आंकड़ों से पता चलता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में तरक्की के बावजूद भी सड़क हादसों में गिरावट देखने को नहीं मिल रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवर स्पीडिंग, नशे में गाड़ी चलाना, ध्यान भटका कर गाड़ी चलाना, गाड़ी का खराब मेंटेनेंस और इमरजेंसी में ठीक से जवाब ना देना इसकी बड़ी और मुख्य वजह हैं. इस बात पर काफी जोर दिया जा रहा है की सख्त पुलिसिंग, इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम का ज्यादा इस्तेमाल, बेहतर ड्राइवर ट्रेनिंग और ज्यादा पब्लिक अवेयरनेस की काफी जरूरत है.
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