खालिस्तान से लेकर ISIS तक: उत्तराखंड में सक्रिय रहे आतंकी नेटवर्कों का खुलासा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
Dehradun News: उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि किसी भी देश विरोधी तत्व को राज्य की सरजमीं पर पैर जमाने नहीं दिए जाएंगे. इसी उद्देश्य से खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय बढ़ाया जा रहा है.

उत्तराखंड भले ही आतंकवादी घटनाओं से प्रत्यक्ष रूप से कभी प्रभावित न रहा हो, लेकिन देश की सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के नेटवर्क का पीछा करते हुए कई बार यहां तक पहुंच चुकी हैं. 90 के दशक से लेकर अब तक खालिस्तानी और अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े कई मॉड्यूल उत्तराखंड में ध्वस्त किए जा चुके हैं. कभी यहां से नेटवर्क चलाने की कोशिश हुई, तो कभी आतंकी घटनाओं के बाद पहाड़ की शांति भरी वादियों को पनाहगाह बनाने का प्रयास किया गया.
राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई कर कई संदिग्ध आतंकियों और उनके सहयोगियों को पकड़ा है. उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि किसी भी देश विरोधी तत्व को राज्य की सरजमीं पर पैर जमाने नहीं दिए जाएंगे. इसी उद्देश्य से खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय बढ़ाया जा रहा है और संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
उधमसिंह नगर में रहा खालिस्तान का प्रभाव
1980 के दशक में ऊधमसिंह नगर जिला खालिस्तानी आतंकवादियों की गतिविधियों से प्रभावित रहा. उस दौर में पंजाब पुलिस और उत्तराखंड पुलिस ने मिलकर कई अभियानों को अंजाम दिया. 1990 के दशक के बाद आतंकियों की सक्रियता भले ही कम हो गई, लेकिन उन्होंने उत्तराखंड को सुरक्षित ठिकाना मानना जारी रखा.
कई आतंकी मॉड्यूल पकडे गए
2015 में देहरादून पुलिस ने नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड परमिंदर उर्फ पेंदा और उसके साथी को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा हरिद्वार और रुड़की क्षेत्र में कई बार लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआई और गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हुई. वर्ष 2016 में तो एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरिद्वार से चार आईएसआईएस आतंकियों को दबोचा था, जो अर्धकुंभ में बड़ी घटना की साजिश रच रहे थे.
प्रमुख घटनाएं
06 फरवरी 2018: लश्कर-ए-तैयबा नेटवर्क से जुड़े अब्दुल समद को गिरफ्तार किया गया, जो हवाला के जरिये धन जुटा रहा था.
20 अप्रैल 2018: यूपी एटीएस ने डीडीहाट से रमेश सिंह कन्याल को पकड़ा, जिस पर आईएसआई को सूचना देने का आरोप था.
10 सितंबर 2018: ऊधमसिंह नगर में खालिस्तानी मूवमेंट से जुड़े दो संदिग्ध गिरफ्तार.
17 सितंबर 2018: धारचूला से एक संदिग्ध गिरफ्तार, जो तत्कालीन रक्षामंत्री की हत्या की साजिश रच रहा था.
06 जून 2019: ऊधमसिंह नगर से बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लिए हथियार जुटाने वाले हरचरण सिंह को पकड़ा गया.
21 जुलाई 2019: हल्द्वानी में 52 लोगों की जांच शुरू, जो सोशल मीडिया के माध्यम से खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े थे.
01 फरवरी 2020: रुड़की से खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स के सदस्य आशीष सिंह की गिरफ्तारी.
03 नवंबर 2022: यूपी एटीएस और उत्तराखंड एसटीएफ ने ज्वालापुर से गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल के संदिग्ध को पकड़ा.
उत्तराखंड पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब भी ऐसे किसी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में जुटी हैं, ताकि शांत राज्य को किसी भी आतंकी साजिश का अड्डा बनने से रोका जा सके.
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Source: IOCL























