UKSSSC पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई, 3 कर्मचारी सस्पेंड और 2 को जेल, सरकार ने गठित की SIT
Uttarakhand News: UKSSSC पेपर लीक मामले में की जांच को लेकर सरकार ने SIT गठित की है. हाईकोर्ट रिटायर्ड जज के ऑब्जर्वेशन में इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में की जांच को लेकर सरकार ने SIT गठित की है. हाईकोर्ट रिटायर्ड जज के ऑब्जर्वेशन में इस पूरे मामले की जांच कर रही है. अभी तक दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं एक असिस्टेंट प्रोफेसर जिसके नंबर पर पेपर आया था उसे और एक पुलिसकर्मी और एक परीक्षा केंद्र का सेक्टर मजिस्ट्रेट सस्पेंड किया जा चुका है.
इस मामले में सरकार गंभीरता से जांच कर रही है, आरोपियों के लिंक किस-किस से थे, इसकी जांच की जा रही है. साथ ही मुख्य आरोपी खालिद मालिक के मोबाइल की तलाश की जा रही है. अभी तक मुख्य आरोपी खालिद का मोबाइल नहीं मिल पाया है, जबकि खालिद और उसकी बहन साबिया को जेल भेजा जा चुका है.
पेपर लीक में शामिल लोगों की जुटाई जा रही जानकारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में साफ कहा है कि, कुछ लोग नकल माफिया और कोचिंग माफिया के साथ मिलकर ये सब कर रहे है. सरकार ऐसे लोगों को पता लगा रही है, जल्द ही ऐसे लोगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्पष्ट किया है कि प्रदेश में नकल विरोधी कानून के तहत बड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जांच के बाद घोषित हो परीक्षा परिणाम
आपको बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले की जांच के लिए एक स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है. एसआईटी टीम को एक महीने के भीतर रिपोर्ट सरकार सौंपनी होगी, तब तक इस परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी गई है. जांच पूरी होने के बाद ही परिणाम घोषित किया जाएगा.
छात्रों की मांग- न कराए जाए दोबारा एग्जाम
इस मामले में उन छात्रों का रुख भी सामने आया है जिन्होंने इस परीक्षा को दिया है. छात्रों का कहना है कि उन लोगों की क्या गलती है? उन्होंने बहुत मेहनत से ये पेपर दिया है. अगर ये एक्जाम निरस्त होता है तो छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाएगा. छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा की जांच हो ओर जिन लोगों ने पेपर लीक कर परीक्षा दी है उनको इस परीक्षा से बाहर किया जाए और दोषियों को सजा दी जाए. साथ ही छात्रों ने एग्जाम दोबारा न कराने की मांग की है.
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