0003 जिनका है लकी नंबर, इस दीवानगी ने बना दी सौरभ जसोरिया की आगरा में अलग पहचान
आगरा में सौरभ जसोरिया के शौक के बारे में सुनकर सभी हैरान रह जाते हैं. वो चाहे उनकी गाड़ी हो या फोन नंबर सभी 0003. अपने शौक के पीछे वो तर्क देते हैं कि ये उनका लंकी नंबर है.
आगरा. कहते हैं कि शौक बड़ी चीज है लेकिन जब यही शौक दीवानगी की हद को पार कर जाए तो इंसान इसी शौक से जाना जाने लगता है. हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं ऐसे शख्स से जिनका नाम है सौरभ जसोरिया. उनके लिए 0003 सीरीज के नंबर उनकी ज़िंदगी की सफलता का पासवर्ड बन गए हैं. 0003 नंबर की वो अब तक एक दो नहीं बल्कि अब 47 गाडियां खरीद चुके हैं.
आगरा के सदर बाजार निवासी रेस्टोरेंट और कैफे व्यवसायी सौरभ जसोरिया को नंबरों का ऐसा शौक लगा कि अपने लकी नंबर की एक-दो नहीं, बल्कि साल 2006 से अब तक 47 गाडिय़ां खरीद लीं. इतना ही नहीं मोबाइल और घर का फोन नंबर भी गाडिय़ों के नंबर वाला ही है. उनका यह शौक अब उनकी पहचान बन गया है. अब यह रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है.
सदर में नंद सिनेमा के पास रहने वाले सौरभ जसोरिया नंबरों के शौकीन हैं. वो अपने लिए तीन नंबर को लकी मानते हैं. ऐसे में उन्होंने इस नंबर को अपनी जिंदगी में ही शामिल कर लिया. उन्होंने बताया कि उनके पास छह लग्जरी गाडियां हैं, सबके नंबर 0003 हैं. तीन नंबर उनका लकी नंबर है. उनका जन्मदिन भी तीन जनवरी है. दिसंबर 2006 में उन्होंने लकी अंक को गाड़ी के नंबर में बदलने का सिलसिला शुरू किया. इसके बाद जो भी गाड़ी खरीदी उसका नंबर 0003 ही रहा. उन्होंने 0003 नंबर की पहली गाड़ी साल 2006 में खरीदी, उस गाड़ी का नंबर था UP80 AU 0003.
उन्होंने 2018 में सबसे ज्यादा वीआइपी नंबर के रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड बनाया है. यह रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है. अब तक वो अपनी ज़िंदगी में 80 से ज्यादा गाडियां खरीद चुके हैं.
ई सीरीज में सभी नंबर लिए
सौरभ जसोरिया ने बताया कि इस समय आरटीओ में नंबर की ई सीरीज चल रही है. सीरीज में 26 एल्फावेट होते हैं. इसमें आइ, ओ, जी और टी अक्षर आम लोगों को आवंटित नहीं किए जाते हैं, इस प्रकार 22 अक्षर आवंटित होते हैं. जी सीरीज में ईबी 0003 से ईजेड 0003 तक के गाड़ी नंबर उनके व उनके बेटे और पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. एक ही सीरीज के सभी 22 नंबर लेने का रिकॉर्ड बनाया है. वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हो चुका है. कोरोना के चलते वो अवॉर्ड सेरेमनी नहीं हो पाया है. इसके अलावा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उनका नाम दर्ज है.
फोन नंबर भी 0003
इसके अलावा उनके घर में नौ मोबाइल हैं, सबके अंत में 0003 है. दो लैंड लाइन नंबर भी अंत में 0003 वाले हैं. उन्होंने बताया कि तीन नंबर उनकी और उनके परिवार की पहचान बन गया है. वो अपने शुभ काम तीन तारीख को ही करते हैं.
सेलेब्रिटी और खिलाड़ियों से प्रेरित होकर बनाया शौक
सौरभ जसोरिया कहते हैं कि उनके इस जुनून के पीछे फिल्मी एक्टर और खिलाड़ी हैं. जैसे सचिन का लकी नंबर 33 है, धोनी का लकी नंबर 7 है और अमिताभ बच्चन का 11 ; ऐसे ही मेरा लकी नंबर 0003 है, इस नम्बर से मेरी ज़िंदगी में काफी सकारात्मक बदलाव आया है.
नंबर के अलावा गाड़ियों की सफाई से भी है पहचान
सौरभ जसोरिया का जुनून गाड़ी के नम्बर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनकी पहचान इस बात से भी है कि उनकी कार हो या बाइक, किसी के गाड़ी में मिट्टी लगी हुई नज़र नहीं आएगी. उनके यहां काम करने वाले लड़के लगातार गाड़ियों की धुलाई पुछाई करते रहते हैं.
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