किसान आंदोलन पर बसपा सुप्रीमो मायावती की नसीहत, कहा- 'कृषि कानून पर दोबारा विचार हो'
कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. हजारों किसान विरोध करते हुये दिल्ली कूच कर रहे हैं. इस बीच बसपा मुखिया ने केंद्र से आग्रह किया है कि इस बिल पर पुनर्विचार करे.
लखनऊ: लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कृषि बिल को लेकर सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि देश में किसान आक्रोशित हैं. बसपा प्रमुख ने कहा कि कृषि से जुड़े तीन बिल किसानों की सहमति के बिना बनाये गये. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुये कहा कि इस पर पुनर्विचार करें.
मायावती ने ट्वीट करते हुये लिखा कि '' केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं. इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर''।
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) November 29, 2020
दिल्ली कूच कर रहे किसान
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसान बिल के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे हैं. केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ हजारों किसान आंदोलनरत हैं. 'दिल्ली चलो' मार्च निकाल रहे हैं. इस मार्च को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार ने अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं. भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किए गए हैं.
किसानों का डर
केंद्र सरकार सितंबर माह में तीन नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं. लेकिन किसानों को ये कानून सही नहीं लग रहा है. उनका मानना है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों व बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा. किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाने का भी डर है.
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