Aligarh: अलीगढ़ में 8वीं क्लास की नव्या एक दिन के लिए बनी सीओ, महिलाओं को क्यों दी चेतावनी?
UP News: अलीगढ़ के महेंद्र नगर स्थित मारीसस इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 8 की छात्रा नव्या को एक दिन को कोतवाली नगर क्षेत्राधिकारी का चार्ज सौंपा गया. नव्या ने कहा, वह बड़ी होकर आईपीएस बनना चाहती हैं.

सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में जब कोई कदम उठता है तो वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन जाता है. ऐसा ही नजारा अलीगढ़ के महेंद्र नगर स्थित मारीसस इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 8 की छात्रा नव्या गुप्ता के साथ देखने को मिला. उसे एक दिन के लिए अलीगढ़ कोतवाली नगर क्षेत्राधिकारी (सीओ) का चार्ज सौंपा गया.
इस मौके ने नव्या को हमेशा के लिए आईपीएस बनने की प्रेरणा भी दे दी, पहले ही दिन नव्या ने कानून को समझने के लिए महिलाओं को ही चेतावनी दे दी. नव्या का कहना था महिलाओं को सशक्त होना है तो झूठे मुकदमे लगाना बंद करना पड़ेगा. इससे जो पीड़ित महिलाएं उनको न्याय मिलेगा जिससे महिलाएं सशक्त बनेगी.
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
दअरसल, यूपी में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से चलाए जा रहे अभियान को धरातल पर उतारने के लिए अलीगढ़ पुलिस भी प्रयासरत नजर आ रही है. अलीगढ के थाना कोतवाली पुलिस की ओर से एक दिन का अधिकारी बनाने की पहल की गई थी. इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों में अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और पुलिस सेवा के प्रति आकर्षण पैदा हो सके.
नव्या ने जाना कानून-व्यवस्था बनाए रखने का उपाय
इस कार्यक्रम के तहत मारीसस इंटरनेशनल स्कूल की होनहार छात्रा नव्या गुप्ता को नामित किया गया. इसके बाद नगर प्रथम सीओ का चार्ज आईपीएस अधिकारी मयंक पाठक ने सौंपा. जब नव्या ने औपचारिक रूप से एक दिन का पदभार संभाला तो पुलिसकर्मियों ने उसका स्वागत किया. नव्या ने थाना प्रणाली, एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के विभिन्न उपायों को समझा.
आईपीएस अधिकारी बन देश की सेवा करना चाहती हैं नव्या
एक दिन की आईपीएस नव्या ने कहा,"आज मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, यह सिर्फ एक शुरुआत है. मैं आगे चलकर सच में आईपीएस अधिकारी बनना चाहती हूँ और देश की सेवा करना चाहती हूँ. यह मेरा सपना है और इसे मैं हर हाल में साकार करूंगी."
नव्या ने यह भी बताया कि बचपन से ही उसे वर्दी में काम करने वाले अधिकारियों को देखकर प्रेरणा मिलती रही है. फिल्मों और वास्तविक जीवन में महिला आईपीएस अधिकारियों की भूमिका देखकर उसके भीतर भी यह जज्बा पैदा हुआ कि वह भी देश की कानून व्यवस्था संभाले और समाज में बदलाव लाए.
क्या कहते है पिता
नव्या के पिता प्रवीण गुप्ता, जो एक बिजनेसमैन हैं, ने कहा,"आज का दिन हमारे लिए यादगार है. हमने हमेशा अपनी बेटी को सपनों को पूरा करने की स्वतंत्रता दी है. उसे किताबों से ज्यादा समाज की वास्तविकताओं को समझने की प्रेरणा दी है. हमें गर्व है कि वह एक दिन के लिए ही सही, आईपीएस बनी है."
माता शशि गुप्ता, जो गृहणी हैं, ने भावुक होकर कहा कि जब मैंने अपनी बेटी को अधिकारी की कुर्सी पर देखा, तो मेरी आंखों में खुशी के आंसू आ गए. मुझे विश्वास है कि वह आगे चलकर सचमुच देश की सेवा करेगी. हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा ऊंचाइयों को छुए. आज हमारी बेटी ने वह सपना साकार किया है."
पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?
आईपीएस मयंक पाठक ने कहा कि आज बच्चों को जिम्मेदारी का अनुभव दिलाना जरूरी है. पुलिस सेवा सिर्फ वर्दी पहनने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में न्याय और कानून व्यवस्था बनाए रखने का गंभीर दायित्व है. नव्या जैसी बच्चियां जब इस दिशा में रुचि लेती हैं, तो यह भविष्य के लिए शुभ संकेत है."
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की भागीदारी पुलिस सेवा में लगातार बढ़ रही है और समाज को उनकी जरूरत है. वहीं नव्या ने यह भी बताया कि वह अपने स्कूल के समय से ही अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी को महत्व देती आई है. उसकी पढ़ाई में रुचि के साथ-साथ वह वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, भाषण और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहती है. यही वजह है कि उसे इस सम्मान के लिए चुना गया.
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Source: IOCL























