जोधपुर में RTE घोटाला: फर्जी खातों में ट्रांसफर किए गए करोड़ों रुपये, हुआ बड़ा खुलासा
Jodhpur News: RTE योजना के तहत निजी स्कूलों को किए गए पुनर्भुगतान की जांच के दौरान पता चला कि करीब आधा दर्जन बैंकों में करोड़ों रुपये ऐसे खातों में भेजे गए जिनका स्कूलों से कोई लेना देना नहीं है.

राजस्थान जोधपुर में गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश और निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से लागू आरटीई (Right to Education) योजना में करोड़ों रुपये का गंभीर घोटाला उजागर हुआ है. इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग से लेकर सरकारी तंत्र तक में हड़कंप मच गया है. घोटाले का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि जिन निजी स्कूलों के नाम पर पुनर्भुगतान का आवेदन दिखाया गया, उनके आगे दर्ज बैंक खाते असल में उन स्कूलों के नहीं, बल्कि सामान्य व्यक्तियों के सेविंग अकाउंट निकले हैं.
जिले में आरटीई योजना के तहत निजी स्कूलों को किए गए पुनर्भुगतान की जांच के दौरान विभाग को पता चला कि करीब आधा दर्जन बैंकों में करोड़ों रुपये ऐसे खातों में भेजे गए जिनका स्कूलों से कोई लेना देना नहीं है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार, पूरे प्रकरण में बच्चों और स्कूलों का भौतिक सत्यापन तक नहीं किया गया. जिन छात्रों के नाम पर भुगतान लिया गया, उनकी उपस्थिति की जांच नहीं हुई. कई स्कूलों में वास्तविक प्रवेश ही नहीं था, फिर भी सरकारी सिस्टम से पैसे निकाल लिए गए. यह पूरी प्रक्रिया अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों की मिलीभगत की ओर संकेत करती है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए कड़े निर्देश
घोटाले की जानकारी सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय), प्रारंभिक शिक्षा, जोधपुर ने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए सभी संबंधित बैंकों और संस्थानों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दे दिए हैं. निदेशक निरीक्षण विभाग, जयपुर की विशेष जांच दल (SIT) द्वारा जारी मीमो संख्या 07/19.09.2025 के आधार पर यह जांच आगे बढ़ाई जा रही है.
किन-किन विवरणों की मांग की गई?
संलग्न संदिग्ध खातों की सूची के आधार पर बैंकों से यह जानकारी मांगी गई है-खाताधारक का पूरा नाम, वर्तमान पता, मोबाइल नंबर, 25 जून 2025 से अब तक हुए सभी वित्तीय लेन-देन,खातों से राशि कब और किसने निकाली, खातों से जुड़े अन्य दस्तावेज सभी बैंकों को यह रिपोर्ट 25 सितंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवानी होगी.
26 सितंबर को सरकार को भेजी जाएगी विस्तृत रिपोर्ट
बैंकों से एकत्रित सभी दस्तावेजों की जांच के बाद यह रिपोर्ट 26 सितंबर 2025 को दोपहर बाद राजस्थान सरकार को भेजी जाएगी. विभाग की उदासीनता के चलते अभी तक बैंकों से रिपोर्ट भी नहीं आई है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस मामले को शीर्ष प्राथमिकता के साथ निपटाया जा रहा है.
घोटाले की गहराई- करोड़ों का खेल!
प्रारंभिक जांच के अनुसार, करोड़ों रुपये उन व्यक्तिगत खातों में भेजे गए जिनमें से कुछ खाताधारक ग्रामीण क्षेत्रों के साधारण लोग बताए जा रहे हैं. इन खातों का उन स्कूलों से कोई भी संबंध नहीं है.जांचकर्ताओं का मानना है कि फर्जी नाम, फर्जी प्रवेश और फर्जी सत्यापन के जरिए यह पूरी योजना चलायी गई.
कड़ी कार्रवाई की तैयारी
SIT ने पहले ही संकेत दे दिया है कि—इसमें शामिल व्यक्तियों, संबंधित स्कूल संचालकों,विभागीय कर्मचारियों
और बैंकिंग स्तर पर हुई लापरवाही सभी के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.
गरीब बच्चों के अधिकारों पर बड़ा प्रहार
आरटीई योजना गरीब और जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए चलाई जाती है, लेकिन इस घोटाले ने न सिर्फ सरकारी धन की लूट को उजागर किया है. बल्कि उन बच्चों के अधिकारों पर भी चोट पहुंचाई है जिनके नाम पर ये राशि ली गई.
सरकार सतर्क- घोटाले की जड़ तक जाने की तैयारी
राजस्थान सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच को तेज कर दिया है. शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और आगे ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त व्यवस्था लागू की जाए.
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Source: IOCL























