यूरिया की कमी पर किसानों का प्रदर्शन, मंत्री मीणा बोले, 'ज्यादा उपयोग सेहत खराब करता है'
Rajasthan Urea Crisis: राजस्थान के कृषि मंत्री ने यूरिया कमी पर किसानों के प्रदर्शनों को राजनीतिक बताया. उन्होंने यूरिया के नुकसान गिनाते हुए इसके कम इस्तेमाल की सलाह दी.

राजस्थान के कई जिलों में यूरिया की कमी को लेकर किसानों के हंगामे और प्रदर्शन के बीच, राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार (27 नवंबर) को एक विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने इन प्रदर्शनों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यूरिया की कमी हर साल आने वाली समस्या है और मीडिया को इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए.
मंत्री मीणा ने किसानों को यूरिया का इस्तेमाल कम करने की नसीहत देते हुए इसके कई गंभीर नुकसान बताए. उन्होंने कहा कि यूरिया का अत्यधिक उपयोग किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाता है और उनकी सेहत भी खराब करता है. उनके अनुसार, "यूरिया पैदावार तो बढ़ाती है, लेकिन जमीन को बंजर कर देती है और इसका सेवन करने वालों को बीमार करती है. यूरिया के इस्तेमाल से कैंसर, किडनी और लीवर की बीमारी होती है, साथ ही यह डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाता है."
'सभी को है लोकतंत्र में प्रदर्शन का अधिकार'
डॉ. मीणा ने दावा किया कि चूरू से लेकर झालावाड़ तक यूरिया की कमी, फसल बीमा योजना और पैदावार को लेकर हो रहा हंगामा विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित (Politically Motivated) है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन का अधिकार सभी को है, लेकिन कांग्रेस समेत विपक्ष के लोग इन प्रदर्शनों को हवा दे रहे हैं.
'यूरिया की वैश्विक आपूर्ति हुई है प्रभावित'
मंत्री ने यूरिया की कमी के लिए अंतरराष्ट्रीय हालात को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पहले चीन द्वारा सप्लाई बंद करने, उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध और अब इजरायल युद्ध के कारण यूरिया की वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हुई है. उन्होंने स्वीकार किया कि जरूरत के अनुसार यूरिया नहीं मिल पा रही है, लेकिन उन्होंने फिर दोहराया कि यह हर साल की समस्या है.
'किसानों को नहीं मिल पा रही है लागत'
वहीं, आलू और प्याज की पैदावार करने वाले किसानों का माल नहीं बिकने पर उन्होंने दलील दी कि अत्यधिक पैदावार के कारण किसानों को लागत भी नहीं मिल पा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि चूंकि प्याज एमएसपी (MSP) की लिस्ट में शामिल नहीं है, इसलिए सरकार सीधे तौर पर कुछ नहीं कर सकती. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार को प्याज सीधे खरीदकर किसानों को कुछ राहत देने के लिए एक चिट्ठी लिखी गई है.
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Source: IOCL






















