Indore में विधवा महिला से किराए पर संपत्ति लेकर हड़पने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई, प्रशासन ने मकान कराया खाली
Indore News: इंदौर में एक डॉक्टर द्वारा विधवा महिला का मकान हड़पे जाने के मामले में प्रशासन ने मकान खाली करा लिया है. दरअसल कोर्ट के आदेश के बाद और कलेक्टर की पहल पर महिला को न्याय मिल सका.

Property Dispute Indore: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इन्दौर (Indore) में कलेक्टर मनीष सिंह की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा फिर एक संवेदनशील पहल की गई है. भंवरकुआं थाना क्षेत्र के भोलाराम उस्ताद मार्ग स्थित एक मकान को विधवा महिला से किराए पर लेकर उसे हड़पने वाले डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. इस डॉक्टर से संपत्ति को वापस लेकर खाली कराया गया और उसका कब्जा लिया गया. दरअसल इन्दौर को हर मंगलवार को होने वाली कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में पीड़ित विधवा भागवंती बाई ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि भोलाराम उस्ताद मार्ग स्थित उसके मकान पर एक डॉक्टर द्वारा भाड़ा न देते हुए कब्जा कर लिया गया है. जिसे लेकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई थी, जिसकी शिकायत पर कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश दिए थे.
20 लाख रुपये से ज्यादा बकाया हो गया था किराया
वहीं एसडीएम अंशुल खरे ने बताया कि कलेक्टर मनीष सिंह को पिछले दिनों जनसुनवाई में एक बुजुर्ग विधवा महिला भगवंती बाई ने शिकायत की थी. इस महिला ने बताया था कि एक मकान उसने क्षेत्र के डॉक्टर अनिल घई को किराए पर दिया था. कुछ समय किराया देने के पश्चात उसने किराया देना बंद कर दिया और उसके ऊपर लगभग 20 लाख रुपए का बकाया हो गया था. बार-बार बकाया राशि मांगने पर भी उसने यह राशि नहीं दी. उसके द्वारा हमेशा अभद्र व्यवहार किया जाता रहा है. बताया गया है कि इस डॉक्टर के विरुद्ध भंवरकुआं थाना क्षेत्र में प्रकरण दर्ज है. साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में भी विभिन्न शिकायतों में जांचे भी जारी है.
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एसडीएम के फैसले के खिलाफ डॉक्टर गया था हाई कोर्ट
एसडीएम अंशुल खरे के अनुसार जनसुनवाई में कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा दिए गए निर्देशानुसार भाड़ा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया. सुनवाई कर आदेश पारित किया गया. इस आदेश के विरुद्ध डॉक्टर हाईकोर्ट में भी गया, जहां हाई कोर्ट द्वारा भी डॉक्टर को राहत ने देते हुए एसडीएम का आदेश यथावत ही रखा. इस आदेश के तहत शनिवार जिला प्रशासन के अमले ने कार्रवाई करते हुए विवादित मकान को डॉक्टर के कब्जे से मुक्त कराकर वह संपत्ति पीड़ित भगवंती बाई को सौंप दी. वही अपनी संपत्ति पाकर भगवंती बाई बहुत खुश नजर आई. न्याय पाकर मौके पर भगवंती बाई के आंखों में खुशी के आशु तक छलक गए. उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद भी दिया.
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