हिमाचल में कुदरत का कहर, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 400 से ज्यादा मौतें
Himachal Floods: हिमाचल में भारी बारिश से तबाही मची है, कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. सड़कें अवरुद्ध हैं, घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

हिमाचल प्रदेश में जाते जाते भी मॉनसून कहर बनकर टूट रहा है. बीती रात से अब तक राज्य के कुछ स्थानों में जोरदार वर्षा दर्ज की गई है. कांगड़ा जिले के धर्मशाला में सर्वाधिक 232 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई. पालमपुर में 126 मिलीमीटर, मंडी जिले के मुरारी देवी क्षेत्र में 79 मिलीमीटर और सुंदरनगर व जोगिंदर नगर में 77 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई. राजधानी शिमला में भी रात को झमाझम बारिश हुई और सुबह से बादलों का डेरा बना हुआ है.
लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं. मौसम विभाग ने रविवार के लिए भीसात जिलों हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग ने चेताया है कि इन जिलों में तेज बारिश के साथ अंधड़ और बिजली गिरने की संभावना है. इस चेतावनी के बीच बिजली गिरने से मंडी के बारोट में 250 से ज़्यादा भेड़ बकरियों की मौत हुई है.
हरिपुरधार-सोलन मार्ग हो गया है अवरुद्ध
भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. सिरमौर जिले में हरिपुरधार-सोलन मार्ग भारी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है. वहीं चंबा जिले के डलहौजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत वैली नामक स्थान पर पठानकोट-चंबा नेशनल हाईवे का एक हिस्सा धंस गया. इस दौरान एक ट्रक और दो बाइक नीचे जा गिरी, हालांकि गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ.
पानी के बहाव में बह गई गाड़ी
हमीरपुर के सुजानपुर में भी बारिश का कहर देखने को मिला, जहां गड्ढे और नाले उफ़ान पर आ गए. खैरी में फ्लैश फ्लड आने से कुछ घर मलबे की चपेट में आ गए. एक गाड़ी मलबे में दब गई जबकि एक पानी के बहाव में बह गई. हालांकि इस मौसम के प्रकोप से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार रविवार शाम तक की स्थिति में प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे और कुल 565 सड़क यातायात के लिए बंद हो गई हैं. इनमें सबसे अधिक कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 व 170 सड़कें बाधित हैं. मंडी में 176, शिमला में 58, कांगड़ा में 45, चंबा में 38, सिरमौर में 24, बिलासपुर में 14 और ऊना जिले में एनएच-503 ए व 22 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं.
अब तक 1,440 मकान पूरी तरह हो चुके हैं जमींदोज
मॉनसून की इस तबाही ने हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं. रिपोर्ट के अनुसार अब तक 404 लोगों की मौत हो चुकी है, 462 लोग घायल हुए हैं और 41 लोग लापता बताए जा रहे हैं. भारी वर्षा और आपदा से अब तक 1,440 मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं जबकि 6007 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. 485 दुकानें और 6036 गौशालाएं भी ढह चुकी हैं. पशुधन को भी भारी क्षति पहुंची है, जिसमें 2,094 पशु और 29049 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत दर्ज की गई है.
राज्य सरकार के अनुसार इस मानसून सीजन में सार्वजनिक संपत्ति को अब तक 4,489 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक क्षति सड़कों और पुलों के टूटने से पहुंची है. राज्यभर में अब तक 140 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 46 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. हालांकि मौसम विभाग ने कल से कोई बड़ा अलर्ट जारी नहीं किया है. ऐसे में कुछ राहत की उम्मीद है.
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Source: IOCL























