Farmers Protest: किसानों की मांगों पर हरियाणा के सीएम खट्टर और नेताओं के बीच बातचीत का क्या रहा नतीजा?
Farmers Protest: किसान नेताओं और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच शुक्रवार को होनेवाली बातचीत बेनतीजा साबित रही. फिलहाल सबकी नजर आज होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक पर टिकी है.

Farmers Protest: किसान नेताओं और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच शुक्रवार को होनेवाली बातचीत बेनतीजा साबित रही. इससे पहले चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के कैंप दफ्तर में मैराथन बैठक की गई. फिलहाल सबकी नजर आज होनेवाली बैठक पर टिकी है. दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी रखने का संयुक्त किसान मोर्चा अंतिम फैसला लेगा. मुख्यमंत्री ने भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश बैंस, रामपाल चहल, जरनैल सिंह, जोगिंदर नैन, कॉमरेड इंद्रजीत जैसे लोगों को बैठक के लिए बुलाया है.
किसान नेताओं की मुख्य मांगें प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों की वापसी और प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवार को आर्थिक मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की है. बैठक से पहले चढूनी ने पुष्टि की कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने हमारी मांगों पर चर्चा करने के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा, "मैंने और दूसरे नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी मांग से कुछ भी कम स्वीकार्य नहीं होगा." प्रिसिंपल सेक्रेटरी वी उमाशंकर और इंटेलीजेंस प्रमुख आलोक मित्तल के साथ खट्टर ने बातचीत के लिए सरकारी टीम की अगुवाई में की.
सूत्रों के मुताबिक, खट्टर ने जोर दिया कि किसान नेताओं को दिल्ली बॉर्डर के धरनास्थल छोड़कर घर जाने के लिए का जाना चाहिए और आश्वस्त किया कि उनकी सरकार अपराधिक मामलों की वापसी और मृत किसानों के परिजनों को मुआवजे की मांग पर विचार करेगी. लंबी बैठक के बाद चढूनी ने कहा, "विस्तृत चर्चा के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हमें संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, इसलिए बातचीत बेनतीजा रही. हम संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के साथ इसके नतीजों पर चर्चा करेंगे और ग्रुप अगले कदम की रणनीति तय करेगा." उन्होंने दावा किया बातचीत नाकाम हो गई.
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