Delhi: क्या स्क्रैप लिस्ट में है आपका भी वाहन? जानें- दिल्ली में पुरानी गाड़ियों की स्क्रैपिंग पर सरकार का नया कदम
Delhi Old Vehicle: दिल्ली सरकार ने AAP शासनकाल में वाहनों की स्क्रैपिंग प्रक्रिया की जांच का ऐलान किया. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने लापरवाही, गड़बड़ी और अनियमितताओं की जांच का ऐलान किया.

अगर आप दिल्ली--NCR में रहते हैं और आपका वाहन भी स्क्रैप लिस्ट में आ चुका है तो ये खबर आपके लिए आवश्यक है. दिल्ली सरकार ने उन वाहनों की जांच करने का निर्णय लिया है, जिन्हें पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में स्क्रैप घोषित किया गया था. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार (15 जुलाई) को यह जानकारी देते हुए कहा कि आरोप है कि कई मामलों में नियमों का पालन नहीं किया गया.
सूत्रों के अनुसार, कई वाहन मालिकों ने शिकायत की है कि उन्हें उनके वाहनों का स्क्रैप मूल्य नहीं दिया गया, जबकि सरकारी निर्देशों के अनुसार यह मुआवजा अनिवार्य है। जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या कुछ वाहनों को अवैध रूप से अन्य राज्यों में भेज दिया गया.
गड़बड़ी और अनियमितताओं की होगी जांच- सिरसा
मंत्री सिरसा ने कहा कि जांच में स्क्रैपिंग प्रक्रिया में हुई लापरवाही, गड़बड़ी और अनियमितताओं की जांच की जाएगी. पीटीआई के मुताबिक, वाहन मालिकों को टोइंग, हैंडलिंग और लॉजिस्टिक्स जैसी सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क भी वसूला गया, जबकि दिल्ली पार्किंग नियम, 2019 के अनुसार यह शुल्क निर्धारित दरों पर लिया जाना था. इसके अलावा, वाहन मालिकों को डिपॉजिट सर्टिफिकेट (COD) जारी करने में देरी और स्क्रैप यार्ड में वाहनों से अपना सामान निकालने से रोके जाने की भी शिकायतें मिली हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में 39,273 और 2023 में 22,397 वाहनों को स्क्रैप किया गया. परिवहन विभाग ने मार्च 2023 में 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को जब्त करने का अभियान चलाया था. हालांकि, शुरुआत में विभाग ने जब्त किए गए वाहनों को रिलीज करने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई थी.
पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने इस अभियान का विरोध करते हुए इसे सरकारी मंजूरी के बिना चलाया गया बताया था. उनके हस्तक्षेप के बाद अभियान रोक दिया गया, लेकिन वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश पर इसे फिर से शुरू किया गया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सशर्त वाहन करवाया वापस
मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा, जहां कोर्ट ने वाहन मालिकों को अपने वाहन वापस लेने की अनुमति दी, लेकिन शर्त यह रखी कि उन्हें दिल्ली-एनसीआर में चलाया नहीं जाएगा. वाहन मालिकों को या तो उन्हें निजी तौर पर रखना होगा या फिर दिल्ली से बाहर ले जाना होगा. अब नई सरकार इस पूरे मामले की जांच करके यह सुनिश्चित करेगी कि क्या प्रक्रिया का सही तरीके से पालन किया गया या नहीं.
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