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जानें- पर्दे पर रोमांस से लेकर ओशो के बगीचे की रखवाली करने वाले विनोद खन्ना की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से
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1971 में फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश’ के बाद धर्मेन्द्र ने बताया था कि किस तरह विनोद खन्ना अपने अभिनय से रोल को जीवंत बना देते हैं.
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रुपहले पर्दे का यह चमकता सितार कैंसर से जूझते हुए इस साल 27 अप्रैल को इस दुनिया से अलविदा कह कर चला गया.
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