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In Photos: गोवर्धन पूजा पर सीएम शिवराज ने की पर्यावरण बचाने की अपील, कार्यक्रम में इस अंदाज में आए नजर
MP: इस कार्यक्रम में सीएम ने इस पूजा की विशेषता को भी बताया. इस दौरान कार्यक्रम में सीएम शिवराज थिरकते और ढोल बजाते आए नजर आये. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी ने मिशन LiFE पर भी बात की.
(सीएम गोवर्धन पूजा में शामिल हुए)
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मध्य प्रदेश के भोपाल में गोवर्धन पूजा के अवसर पर 'पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह सहित बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा , हितानंद शर्मा, विश्वास सारंग कुंवर विजय शाह और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के 16 नगरीय निकायों में पर्यावरण हितैषी जीवनशैली को आत्मसात करने और परस्पर प्रतिस्पर्धा और रैंकिंग करने के लिए ग्रीन सिटी इंडेक्स का शुभारंभ किया. अंकुर अभियान के तहत पूरे मध्य प्रदेश में लोग 61 लाख से अधिक पौधे अपने जन्मदिन या खुशी के अवसरों पर लगा चुके हैं.
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सीएम शिवराज ने कहा कि पहले किसान पूरी जमीन पर खेती नहीं करते थे. वह अपने पशुओं के लिए पड़त भूमि छोड़ देते थे ताकि उनके पशुओं को भी घास मिल सके, जिसे आज हम ग्रीन बेल्ट कहते हैं. पहले वह स्वाभाविक रूप से हुआ करती थी. हमारा राष्ट्र अत्यंत प्राचीन और महान है अगर कोई भारतीय संस्कृति के विषय में मुझसे पूछे कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता क्या है तो मैं हमेशा कहता हूं कि एक ही चेतना सभी में है. इसीलिए कहा गया है कि आत्मवत् सर्वभूतेषु हमारे ऋषियों ने कितना सोच समझकर यह गोवर्धन पूजा की परंपरा बनाई होगी.
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सीएम शिवराज ने कहा कि हमने पशुओं को भी आत्मभाव के साथ देखा गौ माता की पूजा तो हम करते ही हैं. हमारे जितने भी अवतार हुए, दशावतार में से तीन तो पशु रूप में ही हुए. यदि कार्बन गैसों का उत्सर्जन ऐसे ही होता रहा तो धरती का क्या होगा यह हम समझ सकते हैं. इसलिए धरती को बचाना है तो अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा. कम से कम अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगा लो.
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सीएम शिवराज ने कहा कि हम देखते हैं कि भरा हुआ पानी का गिलास लोग लेते हैं और कई बार दो घूंट पीकर बाकी पानी छोड़ देते हैं. जितना आवश्यक हो, उतना ही पानी लें, ताकि जल के हर बूंद का सदुपयोग हो सके, जीवनशैली में यह परिवर्तन आवश्यक है. वट, वृक्ष, पीपल, नारियल हमारे यहां पेड़ों की पूजा आज नहीं हजारों साल से होती आ रही है. क्योंकि हमने इनको भी आत्मभाव से देखा है. बिजली की जितनी आवश्यकता हो उतनी ही उपयोग करें. ताकि लगभग साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये की बिजली बचेगी और कार्बन गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा.
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सीएम शिवराज ने आगे कह कि भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शांति के शास्वत पथ पर भारत का यह दर्शन ही ले जा सकता है कि प्रकृति का शोषण मत करो. नदियां हमारे यहां केवल जल वाहिकाएं ही नहीं मानी गई हैं. यह हमारी पवित्र माताएं हैं इनको हम मां मानकर पूजा करते है. उनके बिना हमारा काम नहीं चल सकता. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मिशन LiFE का कांसेप्ट दुनिया के सामने रखा है. हम Mission LiFE सफल करेंगे तो धरती पर लाइफ बचेगी. सीएम ने कहा कि मेरे प्रदेशवासियों गंभीर चिंतन हेतु गोवर्धन पूजा का यह कार्यक्रम रखा गया है. यह कोई कर्मकांड नहीं है हम केवल समस्या की बात नहीं करेंगे बल्कि समस्या का समाधान भी ढूंढेंगे. क्योंकि इस धरती को हमें सुरक्षित बचाए रखना है.
Published at : 27 Oct 2022 07:22 AM (IST)
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