एक्सप्लोरर
Gaganyaan Mission: प्रशांत, शुभांशु, अजित, अंगद... गगनयान मिशन के 4 एस्ट्रोनॉट्स, जो बढ़ाएंगे भारत का मान
Gaganyaan Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के इतिहास में गगनयान मिशन को सबसे महत्वपूर्ण मिशन में से एक माना जा रहा है. इसके जरिए पहली बार एस्ट्रोनोट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
गगनयान मिशन के तहत स्पेस में जाएंगे भारत के 'अंतरिक्ष वीर'
1/7

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 फरवरी) को उन चार एस्ट्रोनॉट्स के नाम का ऐलान किया, जिनके कंधे पर गगनयान मिशन के जरिए अंतरिक्ष में तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी होगी. ये चारों एस्ट्रोनॉट्स देश के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट गगनयान के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं.
2/7

पीएम मोदी ने बताया कि प्रशांत बालाकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और सुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाएंगे. तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में पीएम मोदी ने चारों एस्ट्रोनॉट्स को 'एस्ट्रोनॉट्स विंग' सौंपे. ऐसे में आइए इन चारों एस्ट्रोनॉट्स के बारे में जानते हैं.
3/7

प्रशांत बालाकृष्णन नायर: इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर केरल के रहने वाले हैं. उन्होंने रूस में स्पेस फ्लाइट मिशन की ट्रेनिंग ली है. उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन किया और 1999 में वायुसेना में कमीशन अधिकारी के तौर पर शामिल हुए. वह एक फाइटर पायलट हैं, जिन्हें सुखोई लड़ाकू विमान उड़ाने में महारत हासिल है. वह अलाबामा में यूएस एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से फर्स्ट रैंक के साथ ग्रेजुएट हैं.
4/7

अजीत कृष्णन: गगनयान मिशन के लिए जिन चार 'अंतरिक्ष वीरों' का चयन हुआ है. उसमें ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चार क्रू मेंबर्स में से तीन को ही गगनयान मिशन के लिए सेलेक्ट किया जाएगा. इस बात की भी जानकारी सामने आई है कि चारों लोगों का चयन 12 शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों में से हुआ है.
5/7

अंगद प्रताप: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने बताया है कि ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने भी बाकी के तीनों लोगों के साथ रूस में 13 महीनों तक ट्रेनिंग ली है. वह भी गगनयान मिशन के तहत स्पेस में भारत का झंडा फहराने के लिए जाने वाले हैं.
6/7

सुभांशु शुक्ला: विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने भी रूस की राजधानी मास्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ली है. वह भी इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले हैं.
7/7

गगनयान मिशन के तहत पृथ्वी की सतह से 400 किमी की ऊंचाई पर ऑर्बिट में चारों एस्ट्रोनॉट्स को भेजा जाएगा. इसरो का ये मिशन तीन दिनों का है. मिशन पूरा करने के बाद ये एस्ट्रोनोट्स अरब सागर में लैंड करेंगे.
Published at : 27 Feb 2024 02:26 PM (IST)
और देखें
Advertisement
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
इंडिया
क्रिकेट


























