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Fighter Cock: सुप्रीम कोर्ट के बैन के बावजूद मकर संक्रांति पर यहां होती है जबरदस्त कॉक फाइट, 2.5 लाख रुपये में बिक रहा एक मुर्गा
मुर्गों की लड़ाई के बारे में सभी ने सुन रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बैन भी लगा रखा है. इसके बावजूद आंध्र प्रदेश में पारंपरिक मुर्गा लड़ाई जारी है. हर साल मकर संक्रांति के मौके पर ये लड़ाई होती है.
मुर्गों की लड़ाई का क्रेज (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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कॉक फाइट के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आंध्र प्रदेश में मुर्गों की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इस सीजन में एक लड़ाकू मुर्गा 2.5 लाख रुपये तक में बिका है.
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मुर्गों की लड़ाई के लिए आयोजकों को एक सही मुर्गे का चुनाव करना होता है. इससे लड़ाई में जीतने की संभावना प्रबल हो जाती है.
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जब एक सही मुर्गा खरीदा जाता है तो उसका वजन, गति और उसके लड़ने की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है. इसके लिए मुर्गों को खास ट्रेनिंग दी जाती है और स्पेशल ट्रेनर को भी बुलाया जाता है.
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इस लड़ाई के लिए पेरूवियन मुर्गे की डिमांड सबसे ज्यादा होती है. ये बेहद ही आक्रामक और ताकतवर किस्म का मुर्गा होता है.
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इस तरह का मुर्गा भारत में नहीं मिलता है तो ऐसे में इसे विदेशों से आयात किया जाता है. ऐसे में कुछ ब्रीडर लोगों को धोखा देकर विदेशी नस्ल का बताकर मुर्गे बेच रहे हैं.
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एक मुर्गा पालक का कहना है कि पेरूवियन मुर्गा यहां के मौसम में जिंदा नहीं रह सकता. अगर कोई ये दावा करता है कि मुर्गे को पेरू से आयात किया गया है तो उस पर कतई भरोसा नहीं करना चाहिए.
Published at : 08 Jan 2024 04:48 PM (IST)
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