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Smartphone in Toilet: आप भी टॉयलेट में इस्तेमाल करते हैं स्मार्टफोन, जानें खुद को कितना दर्द दे रहे आप?
Mobile Phone in Toilet: मोबाइल फोन आज हमारे लिए सबसे जरूरी हो चुका है, हम इसके बिना नहीं रह पाते हैं. लोग फ्रेश होने जाते हैं तो टॉयलेट में भी इसे यूज करते हैं. जानें ऐसा करना कितना खतरनाक है?
आज के समय में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा साथी बन चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका इस्तेमाल टॉयलेट में करना आपकी सेहत पर बेहद बुरा असर डाल सकता है? एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि टॉयलेट में ज्यादा देर तक मोबाइल पर स्क्रॉल करना हेमोरॉयड्स (बवासीर) जैसी तकलीफ को बढ़ा सकता है.
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डॉक्टर्स का कहना है कि टॉयलेट सीट पर बैठने से पेल्विक फ्लोर को सपोर्ट नहीं मिलता. ऐसे में रेक्टम की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे सूजन और इंफ्लेमेशन हो सकता है. अगर आप फोन पर स्क्रॉल करते हुए लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो यह दबाव और ज्यादा बढ़ जाता है.
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बॉस्टन के बेथ इसराइल डीकॉनेस मेडिकल सेंटर की डॉक्टर त्रिशा पसरीचा, जो इस स्टडी की लेखिका भी हैं, कहती हैं, “जितना ज्यादा आप टॉयलेट में बैठते हैं, उतना ही यह आपके लिए नुकसानदायक है.” वह बताती हैं कि स्मार्टफोन हमें इतना व्यस्त कर देते हैं कि हम उठना भूल जाते हैं, जबकि अखबार या मैगजीन पढ़ने वाले लोग पहले आसानी से उठ जाते थे.
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स्टडी में यह भी पाया गया कि टॉयलेट में फोन इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग 40 से 50 साल की उम्र के थे. यानी कम उम्र में ही यह आदत सेहत को प्रभावित कर रही है. मेयो क्लिनिक, मिनेसोटा के कोलोरेक्टल सर्जन डॉ. रॉबर्ट सीमा का कहना है कि हाल के वर्षों में मीडियम उम्र के लोगों में हेमोरॉयड्स के केस बढ़े हैं.
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एक्सपर्ट का कहना है कि टॉयलेट पर बैठने का समय 5 मिनट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. लेकिन रिसर्च के मुताबिक 37 प्रतिशत लोग जो फोन लेकर जाते हैं, वे 5 मिनट से ज्यादा रुकते हैं. जबकि सिर्फ 7 प्रतिशत लोग ही बिना फोन के इतना समय बिताते हैं. डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर 5 मिनट में काम पूरा न हो तो दोबारा कोशिश करें, न कि फोन पर स्क्रॉल करते रहें.
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इस अध्ययन में 125 लोगों को शामिल किया गया था. इनमें से 83 (66 प्रतिशत) ने माना कि वे टॉयलेट में फोन इस्तेमाल करते हैं. जांच में पाया गया कि जो लोग फोन लेकर जाते थे, उनमें हेमोरॉयड्स का खतरा 46 प्रतिशत ज्यादा था.
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हेमोरॉयड्स जानलेवा नहीं होते लेकिन बहुत तकलीफदेह साबित हो सकते हैं. इनमें दर्द, खुजली और खून आना शामिल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में हर साल लगभग 40 लाख लोग इस समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं. लंबे समय में यह पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन, कब्ज और रेक्टल पेन का कारण भी बन सकता है.
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जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की डॉ. रीजवाना चौधरी का कहना है कि टॉयलेट में फोन ले जाना सिर्फ हेमोरॉयड्स ही नहीं बल्कि हाइजीन के लिए भी खतरनाक है. फ्लश करने पर पेशाब और मल के छोटे-छोटे कण हवा में फैलते हैं और आपके फोन पर चिपक सकते हैं. यही कारण है कि यह आदत “बहुत गंदी और खतरनाक” मानी जाती है.
Published at : 08 Sep 2025 06:16 PM (IST)
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