एक्सप्लोरर
सीता-राम से सीखें रिश्ते निभाने के ये पांच गुण, आपकी भी जोड़ी बनेगी बेस्ट
श्रीराम और माता सीता का प्रेम उन का अटूट रिश्ता, उनके रिश्ते की पवित्रता हर पति-पत्नी के लिए प्रेरणादायक है.
भगवान राम और सीता
1/5

माता सीता और भगवान राम ने हर परिस्थिति में एक दूसरे का साथ दिया. जब राम जी वनवास गए, तो माता सीता ने उनके साथ जाने का समर्थन किया. प्रत्येक पति-पत्नी को राम और सीता के रिश्ते से इस सीख को सीखना चाहिए.
2/5

माता सीता ने भगवान राम से शादी के समय न तो उनका पद देखा और न ही राजपाठ. वहीं जब राम ने अपना राजपाट छोड़कर वनवास जाने का फैसला लिया तो भी माता सीता महलों के ऐशो आराम को छोड़कर पति के साथ चली गई. इसी तरह हर पत्नी पति को पैसो को छोड़ रिश्तों को पहले देखना चाहिए.
3/5

एक व्यक्ति को माता सीता और राम जी की तरह एक आदर्श जीवन साथी के कर्तव्य का पालन करना चाहिए. माता सीता ने अपने पति के प्रति विनम्र भक्ति का धर्म पालन किया. रावण द्वारा हरण किए जाने के बाद भी, उन्होंने अपनी पवित्रता को प्रभावित नहीं होने दिया. माता सीता से दूर रहने के बावजूद, राम जी ने अपने पति के प्रति विश्वासयोग्यता को बनाए रखा.
4/5

हर पति और पत्नी को सुरक्षा और इज्जत का ध्यान रखना चाहिए. जब माता सीता के चरित्र और पवित्रता पर सवाल उठे, भगवान राम उन पर विश्वास करते थे, तब भी सीता जी ने अपने पति के मान-सम्मान के लिए अग्नि परीक्षा का सामना किया.
5/5

माता सीता के हरण के बाद श्रीराम उन्हें बचाने और उनकी सुरक्षा के लिए लंकापति रावण से युद्ध करने तक के लिए तैयार हो गए थे.
Published at : 21 Dec 2023 04:44 PM (IST)
और देखें























