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सांप का खून क्यों होता है इतना ठंडा, आखिर कैसे खुद को रखते हैं गर्म
सांप सबसे खतरनाक जहरीला जानवर है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांप का जहर जितना खतरनाक होता है, उसके शरीर का खून उससे ज्यादा ठंडा होता.आज हम आपको बताएंगे कि सांप खुद के शरीर को कैसे गर्म रखता है.
खून
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वैज्ञानिकों के मुताबिक सांप सरीसृप (Reptiles) कैटेगरी में आते हैं. ये ‘कोल्ड ब्लडेड’ यानी ठंडे खून वाले होते हैं. इस कैटेगरी के जानवरों को एक्टोथर्मिक कहते हैं.
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दुनिया भर में सांप की 3700 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें ज्यादातर सांपों के खून का रंग लाल ही होता है. हालांकि कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं, जिनके खून का रंग दूधिया नीला या लाइम ग्रीन होता है.
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बता दें कि मैमल्स की कैटगरी में आने वाले इंसान और दूसरे जीव जिन्हें एंडोथर्म्स कहा जाता है, ये गर्म खून वाले होते हैं. ज्यादातर मैमल्स अपने शरीर का तापमान खुद रेगुलेट कर सकते हैं. यानी सर्दी के समय अपने शरीर को गर्म रख सकते हैं और गर्मी में अपने शरीर को ठंडा रख सकते हैं.
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वहीं सांप, छिपकली, कछुए जैसे कई सरीसृप के साथ इसका उल्टा होता है. सांप अपने शरीर को गर्म रखने के लिए खुद गर्मी पैदा नहीं कर सकते, बल्कि आसपास के वातावरण से गर्मी लेते हैं. वहीं सर्दी के दिनों में यदि बाहर का तापमान ज्यादा गिर जाए, तो सांप के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. क्योंकि टेंप्रेचर में गिरावट से उनके शरीर का तापमान भी गिर जाएगा और मौत हो सकती है.
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एक्टोथर्मिक कैटेगरी के सांप जैसे जानवर खुद अपने शरीर का तापमान रेगुलेट नहीं कर सकते हैं. इसलिए सर्दी अथवा गर्मी से बचने का उनका अपना तरीका है. सर्दी के दिनों में ऐसी जगह की तलाश करते हैं, जहां धूप मिले. इसी तरह गर्मी के दिनों में पानी में डूब कर अथवा खुली जगह में रहकर खुद को बचाने का प्रयास करते हैं.
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ठंड के समय सांप हफ्तों तक सोते हैं. इसकी वजह उनके खून का ठंडा होना भी है. ठंडे में गिरते तापमान की वजह से सांप का मेटबॉलिज्म स्लो हो जाता है. जिस कारण वे तेजी से भाग नहीं सकते हैं और ज्यादातर वक्त सोते हुए बिताते हैं.
Published at : 04 Feb 2024 08:03 PM (IST)
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