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कौवा और कबूतर में कौन ज्यादा होशियार, ये कैसे करते हैं जगह की पहचान
धरती पर मौजूद पक्षियों की सुंदरता को देखते हुए इंसान बहुत तेजी से आकर्षित होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पक्षियों में सिर्फ कौवा और कबूतर को सबसे ज्यादा होशियार माना जाता है.
अब सवाल ये है कि आखिर कौवा और कबूतर दोनों में ज्यादा होशियार कौन है और इनकी विशेषताएं क्या-क्या हैं. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
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वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि कौवों में बेहतरीन संज्ञानात्मक होती है. आसान भाषा में उन्हें बहुत कुछ याद रहता है. इसके अलावा उनमें समाधान खोजने की चाह होती है. वहीं कबूतरों को रास्ता ऐसा याद होता है कि उनसे अच्छा संदेश वाहक कोई नहीं है.
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एक रिसर्च के मुताबिक वैज्ञानिकों ने पाया है कि कौवे दिमाग का एक हिस्सा उपयोग करते हैं, जिसे पैलियम कहा जाता है. यही हिस्सा उच्च स्तर की सोचने की क्षमता रखता है. बता दें कि इंसानों में पैलियम का हिस्सा सेरिब्रल कॉर्टेक्स में पनपता है.
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कबूतर अपने के समय में सबसे बड़े संदेशवाहक होते थे, क्योंकि उन्हें रास्ता पता होता था. वहीं कबूतरों के पैटर्न और चाल का अध्ययन करते समय यह देखा गया कि उनके पास दिशाओं को याद रखने की एक अद्भुत समझ होती है.
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कबूतर मीलों तक हर दिशा में उड़ने के बाद भी वे अपने घोंसले का मार्गदर्शन करने में सक्षम होते हैं. दरअसल कबूतर उन पक्षियों में से आते हैं, जिनमें रास्तों को याद रखने की खूबी होती है.
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रिसर्च में सामने आया है कि कबूतर के दिमाग में 53 कोशिकाओं का एक समूह की पाया जाता है. जिनकी मदद से वे दिशा की पहचान और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का निर्धारण करने में सक्षम होते हैं.
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इसके अलावा कबूतरों की आंखों के रेटिना में क्रिप्टोक्रोम नाम का प्रोटीन पाया जाता है, जिससे वह जल्द रास्ता ढूंढ लेते है. इसीलिए उन्हें संदेशवाहक कहते थे.
Published at : 23 Feb 2025 12:47 PM (IST)
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