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जब अंग्रेजी से ज्यादा नशा देती है देसी शराब, फिर कीमत में क्यों होता है इतना अंतर?
Liquor Price: देसी और अंग्रेजी शराब का नशा भले अलग न हो, लेकिन इनके दामों में फर्क है. आखिर वह क्या चीज है जो कि दोनों के दामों में अंतर लेकर आती है. आइए जानते हैं.
देसी शराब का नशा कई बार अंग्रेजी शराब से ज्यादा तेज माना जाता है, लेकिन कीमत में दोनों के बीच जमीन-आसमान का फर्क क्यों होता है, यही सवाल अक्सर लोगों के मन में घूमता रहता है. एक तरफ पाउच वाली देसी शराब कुछ ही पैसों में मिल जाती है, वहीं अंग्रेजी शराब की बोतल पर जेब झटके से हल्की हो जाती है. आखिर ऐसा क्या है जो दोनों की कीमतों को इतना अलग बनाता है? सच इससे कहीं ज्यादा गहरा और दिलचस्प है.
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शराब की दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है, देसी और अंग्रेजी शराब. दिलचस्प बात यह है कि कई लोग बताते हैं कि देसी शराब का असर अंग्रेजी शराब से ज्यादा तेज होता है. इसके बावजूद अंग्रेजी शराब की कीमत आसमान छूती है, जबकि देसी शराब आम आदमी की जेब में फिट बैठती है. लेकिन यह फर्क सिर्फ ‘नशे’ का नहीं, बल्कि नीतियों, टैक्स, बाजार और ब्रांडिंग का खेल है.
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सबसे पहला और बड़ा कारण है टैक्स का भारी अंतर. लगभग हर राज्य अंग्रेजी शराब को प्रीमियम कैटेगरी मानते हुए उस पर देसी शराब की तुलना में कई गुना ज्यादा एक्साइज ड्यूटी लगाता है.
Published at : 14 Nov 2025 03:41 PM (IST)
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