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बुर्का पहनने को लेकर इस्लाम में क्या हैं नियम, कितना जरूरी मानते हैं इसे?
Rules For Wearing Burqa: क्या बुर्का वाकई मजहब का अनिवार्य हिस्सा है या यह सिर्फ सदियों पुरानी एक सांस्कृतिक परंपरा का विस्तार? बुर्के के लिए पत्नी के कत्ल के बीच में इसे समझना जरूरी है.
उत्तर प्रदेश के शामली में मजहबी सनक ने एक हंसते-खेलते परिवार को कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया. बुर्का न पहनने की मामूली जिद पर एक शख्स ने हैवानियत की हदें पार करते हुए अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों को मौत के घाट उतार दिया. राज छिपाने के लिए उसने आंगन के टैंक को ही उनकी कब्र बना दी. आइए जान लेते हैं कि आखिर इस्लाम में बुर्का पहनने को लेकर क्या नियम हैं और वहां इसे कितना जरूरी मानते हैं.
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इस्लामिक धर्मशास्त्रों, विशेषकर कुरान और हदीस में 'पर्दे' के लिए जिस शब्द का प्रमुखता से जिक्र है, वह है 'हिजाब'. हिजाब का शाब्दिक अर्थ केवल सिर ढंकना नहीं, बल्कि 'आड़' या 'विभाजन' होता है.
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इस्लाम में पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए शालीनता (हया) के नियम तय किए गए हैं. महिलाओं के संदर्भ में, कुरान के सूरा अन-नूर और सूरा अल-अहजाब में इस बात का संकेत मिलता है कि महिलाओं को अपनी सुंदरता का प्रदर्शन उन लोगों के सामने नहीं करना चाहिए जो उनके परिवार (महरम) का हिस्सा नहीं हैं.
Published at : 19 Dec 2025 05:51 PM (IST)
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