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लड़कों को ब्लू और लड़कियों को पिंक कलर ही क्यों पसंद आता है, रंग कैसे बन गए फैशन स्टैंडर्ड?
क्या आप यकीन करेंगे कि जिस गुलाबी को आज हम 'गर्ली' कहते हैं, वो कभी दुनिया का सबसे ताकतवर मर्दाना रंग माना जाता था. आइए जानें कि कैसे पिंक लड़कियों का और ब्लू लड़कों का कलर बन गया है.
क्या आपने कभी सोचा है कि अस्पताल में पैदा होते ही किसी बच्चे के हाथ में थमाए गए खिलौने या उसके कपड़ों का रंग उसकी पसंद होती है या हमारी मजबूरी? हम अक्सर कहते हैं कि लड़कियों को गुलाबी प्यारा लगता है और लड़कों को नीला भाता है, लेकिन यह कोई कुदरती करिश्मा नहीं बल्कि बाजार की एक सोची-समझी चाल है. रंगों का यह बंटवारा न तो हमारे जीन में है और न ही खुदा की दी हुई कोई पसंद, बल्कि यह तो इतिहास के पन्नों में हुई एक ऐसी अदला-बदली है जिसने दशकों तक हमारी सोच पर राज किया है. आइए जानें कि रंग फैशन स्टैंडर्ड कैसे बन गए.
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आज अगर कोई लड़का गुलाबी शर्ट पहन ले तो समाज उसे शक की निगाह से देखता है, लेकिन अगर हम वक्त के पहिए को सौ साल पीछे घुमा दें, तो तस्वीर बिल्कुल उलट नजर आएगी. 19वीं सदी और 20वीं सदी की शुरुआत तक दुनिया की सोच आज से बिल्कुल जुदा थी.
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उस दौर के फैशन पंडितों का मानना था कि गुलाबी रंग 'लाल' का एक हल्का रूप है, जो जोश, साहस और आक्रामकता का प्रतीक माना जाता था. यही वजह थी कि गुलाबी को लड़कों के लिए सबसे उपयुक्त और 'मर्दाना' रंग माना जाता था.
Published at : 19 Dec 2025 01:28 PM (IST)
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