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हवा में उड़ रहा फाइटर जेट अपना है या दुश्मन का, जंग के दौरान ये कैसे पता चलता है?
भारत और पाकिस्तान के बीच इस संघर्ष की शुरुआत पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद हुई.
भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ती जा रही है. दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष जंग की कगार तक पहुंच गया है. यह संघर्ष ऐसे ही बढ़ता रहा तो दोनों देशों की ओर से कभी भी सीधी जंग का ऐलान हो सकता है.
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भारत ने साफ किया है कि अगर पाकिस्तान की ओर से सैन्य कार्रवाई की जाती है तो भारत इसका माकूल जवाब देगा. इसका मतलब साफ है कि अगर पाकिस्तान जंग ही चाहता है तो भारत इससे भी पीछे नहीं हटेगा.
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भारत और पाकिस्तान के बीच इस संघर्ष की शुरुआत पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद हुई. भारत ने राफेल, सुखोई और मिग जैसे कई फाइटर जेट भेजकर पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर डाला.
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अब सवाल है कि जंग के दौरान हवा में उड़ रहा फाइटर जेट अपना है या दुश्मन देश का, इसका पता जेट उड़ा रहे पायलेट और सेना को कैसे चलता है? दरअसल, किसी भी फाइटर जेट की पहचान के लिए कई तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है.
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सबसे पहली टेक्नोलॉजी होती है- रडार सिस्टम. कोई भी देश रडार सिस्टम के जरिए अपने इलाके में उड़ रहे विमान की पहचान कर सकते हैं. इतना ही नहीं विमान के गति, दिशा और ऊंचाई की जानकारी भी कर सकते हैं.
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आईएफएफ सिस्टम के जरिए भी किसी भी फाइटर जेट की पहचान की जाती है. इस दौरान पूछताछकर्ता जेट को एक सिग्नल भेजते हैं, जिसके बाद जेट को चला रहे पायलट एक अलग सिग्नल पर जवाब देते हैं. इससे पता चलता है कि यह विमान दुश्मन का है या फिर अपना.
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डेटा शेयरिंग के जरिए भी विमानों की पहचान की जाती है. दरअसल, युद्ध के दौरान, विमानों द्वारा विभिन्न वायु रक्षा प्रणाली डेटा शेयर किया जाता है. इस डेटा के विश्लेषण के जरिए विमान की पहचान करने में मदद मिलती है.
Published at : 08 May 2025 08:13 PM (IST)
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