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कैलेंडर सिस्टम आने से पहले कितने दिन का होता था एक साल, क्या तब भी होते थे 365 दिन?

Year Before Calendar System: कैलेंडर सिस्टम आने से पहले भी साल की गिनती की जाती थी, लेकिन यह आज की तरह से नहीं होती थी. चलिए जानें कि प्राचीन सभ्यताएं कैसे दिन गिना करती थीं.

Year Before Calendar System: कैलेंडर सिस्टम आने से पहले भी साल की गिनती की जाती थी, लेकिन यह आज की तरह से नहीं होती थी. चलिए जानें कि प्राचीन सभ्यताएं कैसे दिन गिना करती थीं.

एक साल में 365 दिन होते हैं और हर चौथे साल फरवरी में एक दिन जोड़कर लीप ईयर बना दिया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कैलेंडर सिस्टम आने से पहले साल की गिनती कैसे होती थी? क्या तब भी साल 365 दिन का माना जाता था? इसका जवाब भी दिलचस्प भी है, चलिए जानें.

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साल की लंबाई पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने के समय से तय होती है. वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 46 सेकंड लगते हैं.
साल की लंबाई पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने के समय से तय होती है. वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 46 सेकंड लगते हैं.
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यानी एक साल की वास्तविक लंबाई लगभग 365.24 दिन है, लेकिन प्राचीन सभ्यताओं को इतनी सटीक जानकारी नहीं थी, वे प्रकृति और खगोलीय घटनाओं के आधार पर साल की गिनती करते थे.
यानी एक साल की वास्तविक लंबाई लगभग 365.24 दिन है, लेकिन प्राचीन सभ्यताओं को इतनी सटीक जानकारी नहीं थी, वे प्रकृति और खगोलीय घटनाओं के आधार पर साल की गिनती करते थे.
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प्राचीन काल में कई सभ्यताएं चंद्रमा के आधार पर साल की गिनती करती थीं, जैसे सुमेरियन, बेबीलोनियन और भारतीय पंचांग. इसमें एक साल को 12 चंद्र महीनों में बांटा गया था और हर महीने में 29 या 30 दिन होते थे.
प्राचीन काल में कई सभ्यताएं चंद्रमा के आधार पर साल की गिनती करती थीं, जैसे सुमेरियन, बेबीलोनियन और भारतीय पंचांग. इसमें एक साल को 12 चंद्र महीनों में बांटा गया था और हर महीने में 29 या 30 दिन होते थे.
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इस तरह एक साल केवल 354 दिन का हो जाता था, यानी आज के 365 दिनों से लगभग 11 दिन छोटा. कुछ सभ्यताओं जैसे बेबीलोनियन और मिस्रवासियों ने साल को 360 दिन का माना था. इसके पीछे कारण यह था कि उन्होंने साल को 12 महीनों में बराबर-बराबर 30 दिन बांट दिए.
इस तरह एक साल केवल 354 दिन का हो जाता था, यानी आज के 365 दिनों से लगभग 11 दिन छोटा. कुछ सभ्यताओं जैसे बेबीलोनियन और मिस्रवासियों ने साल को 360 दिन का माना था. इसके पीछे कारण यह था कि उन्होंने साल को 12 महीनों में बराबर-बराबर 30 दिन बांट दिए.
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लेकिन बाद में उन्होंने समझा कि प्रकृति के हिसाब से यह अधूरा है, इसलिए अतिरिक्त दिन जोड़ने शुरू किए. ईसा पूर्व 45 में जूलियस सीजर ने जूलियन कैलेंडर पेश किया, जिसमें साल की लंबाई 365.25 दिन मानी गई.
लेकिन बाद में उन्होंने समझा कि प्रकृति के हिसाब से यह अधूरा है, इसलिए अतिरिक्त दिन जोड़ने शुरू किए. ईसा पूर्व 45 में जूलियस सीजर ने जूलियन कैलेंडर पेश किया, जिसमें साल की लंबाई 365.25 दिन मानी गई.
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इसमें हर चार साल में एक दिन बढ़ाकर लीप ईयर बनाया गया. यह प्रणाली पृथ्वी के चक्कर लगाने के समय के काफी करीब थी. बाद में 1582 में ग्रेगोरियन कैलेंडर बनाया गया.
इसमें हर चार साल में एक दिन बढ़ाकर लीप ईयर बनाया गया. यह प्रणाली पृथ्वी के चक्कर लगाने के समय के काफी करीब थी. बाद में 1582 में ग्रेगोरियन कैलेंडर बनाया गया.
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इसमें साल की औसत लंबाई 365.2425 दिन तय की गई. यही कैलेंडर आज पूरी दुनिया में उपयोग होता है और इसमें लीप ईयर की सटीक गणना होती है.
इसमें साल की औसत लंबाई 365.2425 दिन तय की गई. यही कैलेंडर आज पूरी दुनिया में उपयोग होता है और इसमें लीप ईयर की सटीक गणना होती है.

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