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क्या फिर से एक हो जाएंगे NCP के बागी? अजित पवार की घर वापसी पर शरद पवार ने कह दी बड़ी बात
Maharashtra Politics: पिछले साल एनसीपी में विभाजन हो गया था. जब अजित पवार ने पार्टी से विद्रोह करते हुए 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार (फाइल फोटो)
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' प्रमुख शरद पवार ने आज राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं का अपने खेमे में स्वागत किया. अपने खेमे की ताकत में इजाफे के बाद शरद पवार ने यह साफ कर दिया कि अगर उनके भतीजे अजित पवार कभी घर वापसी की सोचेंगे तो इसका फैसला उनकी पार्टी करेगी, न कि वे. उन्होंने कहा, "सदन में हर किसी के लिए जगह है. जहां तक पार्टी का सवाल है, मैं खुद फैसला नहीं लूंगा, मेरे साथ खड़े सभी लोगों से सलाह ली जाएगी.
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पिछले साल यानि कि 2023 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन हो गया था, जब शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने एक चौंकाने वाले विद्रोह का नेतृत्व किया था. अजित पवार ने आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे. फिलहाल, वे महाराष्ट्र की महायुति सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं.
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वहीं, आज यानि कि (17 जुलाई) को शरद पवार ने पूर्व एनसीपी पिंपरी-चिंचवाड़ इकाई के अध्यक्ष अजीत गव्हाणे, कार्यकारी अध्यक्ष राहुल भोसले, छात्र विंग के प्रमुख यश साने, भोसरी विधानसभा सीट के प्रमुख पंकज भालेकर और लगभग 20 पूर्व नगरसेवकों और अन्य इकाई प्रमुखों सहित एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में वापस आने वालों का व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया. इसके साथ ही उन्हें पार्टी का झंडा और अपना आशीर्वाद दिया.
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राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन के बाद शरद पवार को एक और झटका तब लगा, जब चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को उनके भतीजे के गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता दी. साथ ही अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का चुनाव चिन्ह 'घड़ी' भी आवंटित किया. चुनाव आयोग ने शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए पार्टी का नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' आवंटित किया.
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हालांकि, पिछले महीने शरद पवार ने कहा था कि जो लोग उनकी पार्टी को "कमजोर" करना चाहते हैं, उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा, लेकिन वे ऐसे नेताओं को स्वीकार करेंगे जो पार्टी की छवि को "नुकसान" नहीं पहुंचाएंगे.
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हालिया घटनाक्रम को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अजित पवार के लिए झटका माना जा रहा है. क्योंकि यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से महज तीन महीने पहले हुआ है. पिंपरी चिंचवाड़ विधानसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. वहीं, अजित पवार गुट के पूर्व नगर इकाई प्रमुख अजीत गव्हाणे ने दावा किया कि उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि वह क्षेत्र के लिए बीजेपी द्वारा किए गए काम से संतुष्ट नहीं थे.
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पूर्व एनसीपी पिंपरी-चिंचवाड़ इकाई के अध्यक्ष अजीत गव्हाणे ने कहा, "अगर आप पिंपरी-चिंचवाड़ को देखें तो पाएंगे कि अजित दादा और पवार साहब दोनों ने इसके विकास में योगदान दिया है. लेकिन 2017 से बीजेपी पीपीएमसी (पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम) पर शासन कर रही है. यहां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और इसके लिए मौजूदा विधायक जिम्मेदार हैं. हाल के लोकसभा चुनावों में अजित पवार खेमे के खराब प्रदर्शन को भी इस पालाबदल के संभावित कारण के रूप में देखा जा रहा है.
Published at : 17 Jul 2024 09:53 PM (IST)
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