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काल सर्प योग: क्या यह अशुभ है? जानें प्रभाव, उपाय और ज्योतिषीय सलाह!
Kaal Sarp Yog: काल सर्प दोष जब कुंडली में राहु और केतु के बीच में सभी ग्रह स्थित हो जाते हैं, तो ये जातक के जीवन में परेशानियों का कारण बनता है. जानें कुंडली में काल सर्प योग से क्या होता है?
काल सर्प योग क्या है
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काल सर्प योग का मतलब जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में स्थित हो. काल सर्प योग की वजह से व्यक्ति को जीवन में संघर्ष और बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
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ये योग कुंडली में तब बनता है जब सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह राहु और केतु की धुरी के भीतर हो. इससे बाकी ग्रहों की स्वतंत्रता में रुकावट आती है.
Published at : 22 Jun 2025 06:30 AM (IST)
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