Turkiye Byzantine Church: तुर्किए में एक और चर्च बना मस्जिद, 'खलीफा' एर्दोगन ने किया उद्घाटन, ईसाई देशों में भड़का गुस्सा
Turkiye Byzantine Church: तुर्किए, दक्षिण पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के बीच है. वहां इससे पहले दो और गिरजाघरों को मस्जिद में तब्दील किया जा चुका है.
Turkiye Byzantine Church: तुर्किए में अब एक और गिरजाघर (चर्च) को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है. वहां के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने हाल ही में इसका उद्घाटन किया. बायजैंटीन चर्च के नाम से जाने जाने वाले इस धर्मस्थल को सोमवार (छह मई, 2024) को मस्जिद के रूप में आधिकारिक तौर पर खोला गया है.
राजधानी अंकारा स्थित पैलेस कॉम्पलेक्स में कॉन्फ्रेंस हॉल से देश के खलीफा ने उस सेरेमनी की अध्यक्षता की, जिसमें कोरा और हाल-फिलहाल में पुनःविकसित किए गए अन्य ढांचों की ओपनिंग की गई थी. नेशनल टीवी पर कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के दौरान तुर्किए के राष्ट्रपति ने कहा- मैं आशा करता कि ये हमारे लिए अच्छा समय लेकर आएं.
"चार साल से इस मस्जिद के खुलने का कर रहे थे इंतजार"
इबादतगाह में सबसे पहले पूजा करने वालों में शामिल रहे मूसा टोंबुल ने सरकारी एजेंसी 'अनाडोलू' को बताया, "मैं लगभग चार साल से इस मस्जिद के खुलने का इंतजार कर रहा था. ऐसी जगह पर इबादत करके मैं खुद को सम्मानित और धन्य पाता हूं. हम ईश्वर को इस तरह के दिन दिखाने के लिए शुक्रिया अदा करते हैं. आशा है कि हम यहां समय-समय पर आते रहेंगे और ऊपर वाले को याद करते रहेंगे."
धर्मस्थल परिवर्तन पर गर्माया ग्रीस! तुर्किए पर लगाया ये आरोप
समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस (एपी) की रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा घटनाक्रम के बाद ईसाई देशों में गुस्सा भकड़ा है. ग्रीस की सरकार ने चर्च को मस्जिद में तब्दील करने पर तुर्किए पर आरोप लगाया कि वह एक और वैश्विक धरोहर के 'चरित्र का अपमान' कर रहा है.
चार साल बोली थी तुर्किए सरकार- यह है मुस्लिम धर्मस्थल
चौथी शताब्दी के आस-पास का यह धर्मस्थल अपने मोजैक (पत्थर-कांच के साथ कुछ और चीजों का प्लास्टर) और फ्रेसकोज़ (गीले प्लास्टर पर सिर्फ पेंट से बनी आर्ट) के लिए मशहूर है. चार साल पहले तुर्किए सरकार ने इस चर्च को मुसलमानों का धर्मस्थल घोषित किया था. वहां की सरकार की ओर से यह कदम तब उठाया गया था, जब पड़ोसी देश ग्रीस ने इस मसले पर कड़ी आलोचना की थी.
दो और गिरजाघरों को मस्जिद बना चुका है तुर्किए
तुर्किए ने इससे पहले कोरा के दि चर्च ऑफ सेंट सेवियर (तुर्किए की भाषा में 'कारिए') को आधिकारिक तौर पर मस्जिद में बदल दिया था. यह काम साल 2020 में किया गया था. बाद में इस्तांबुल के लैंडमार्क माने जाने वाले हागिया सोफिया (Hagia Sophia) को मुसलमानों के इबादतगाह में तब्दील कर दिया था. मुस्लिम समाज की ओर से इन धर्मस्थलों के परिवर्तन की तो तारीफ की गई मगर ग्रीस और अन्य देशों ने तुर्किए से अपील की कि वह बायजैंटीन दौर के अहम स्मारक स्थलों को संरक्षित करे. वे दोनों ही मॉन्यूमेंट्स संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के वैश्विक धरोहर स्थलों में शामिल थे.
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