Thailand-Cambodia Tensions: ट्रंप ने थाईलैंड-कंबोडिया को लेकर फिर किया बड़ा दावा- 'जा रहा हूं, मैं एक फोन कॉल से जंग रोक दूंगा'
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा संघर्ष बढ़ने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि वे सिर्फ एक फोन कॉल से दोनों देशों के बीच युद्ध रोक सकते हैं.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद एक बार फिर हिंसक हो उठा है. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार (8 दिसंबर 2025) की सुबह थाईलैंड ने F-16 फाइटर जेट से कंबोडिया में एक कैसीनो बिल्डिंग पर हवाई हमला किया. थाई सेना का आरोप है कि यह कैसीनो अब कंबोडियाई सैनिकों का सीक्रेट बेस बन चुका था. यहां भारी हथियार, ड्रोन और गोला-बारूद जमा किया जा रहा था. कंबोडिया ने सीमावर्ती इलाकों में उकसाने वाली मूवमेंट शुरू कर दी थी.
थाईलैंड-कंबोडिया के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मैंने 10 महीनों में इजरायल, ईरान, मिस्र-इथियोपिया, आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, पाकिस्तान और भारत समेत 8 युद्ध खत्म किए. वे लड़ रहे थे. मुझे यह कहते हुए दु:ख हो रहा है. एक बार फिर कंबोडिया और थाईलैंड के बीच फिर से युद्ध शुरू हो गया है. कल मुझे एक फोन कॉल करना है. मैं एक फ़ोन कॉल करके दो बहुत ताकतवर देशों, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध को रोकने जा रहा हूं. हम ताकत से शांति बना रहे हैं.''
थाई सेना का दावा-कैसीनो सैन्य अड्डा बन चुका था
थाई सैन्य अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सीमा के पास स्थित यह कैसीनो अब एक गुप्त सैन्य केंद्र की तरह इस्तेमाल हो रहा था. थाईलैंड के अनुसार कैसीनो परिसर में भारी हथियारों का भंडार इकट्ठा किया जा रहा था. ड्रोन और गोला-बारूद जमा थे. कंबोडियाई सैनिक सीमा क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियां कर रहे थे. इन्हीं कारणों का हवाला देकर थाईलैंड ने इसे सुरक्षा-आधारित कार्रवाई बताया.
गोलीबारी में 5 लोगों की मौत
सीमा के दोनों ओर से हुई फायरिंग ने हालात और बिगाड़ दिए. अब तक 4 कंबोडियाई नागरिकों की मौत, 1 थाई सैनिक की जान गई और कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. मई 2025 में भी दोनों सेनाओं के बीच 5 दिन तक संघर्ष चला था, जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
दो महीने पहले हुआ शांति समझौता भी डगमगाया
अक्टूबर 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति में दोनों देशों ने युद्धविराम समझौते पर सहमति जताई थी, यह शांतिपूर्ण दौर ज्यादा समय तक टिक नहीं सका और दो महीने के भीतर स्थिति फिर विस्फोटक हो गई.
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Source: IOCL























