Jordanian Dinar Vs Indian Currency: इस मुस्लिम मुल्क में कमाए 800 तो भारत में आकर हो जाएंगे लखपति, जानें कौन सा है वह देश
जॉर्डेनियन दिनार (JOD) दुनिया की सबसे मजबूत मुद्राओं में से एक है. जानें 1 जॉर्डेनियन दिनार कितने भारतीय रुपये के बराबर होती है, इसकी कीमत इतनी ऊंची क्यों है और इसे कौन जारी करता है.

दुनिया में कई सारे ऐसे देश है, जहां की करेंसी भारतीय रुपये के मुकाबले ज्यादा कीमती है. इस लिस्ट में कुवैती, बहरीन, डॉलर, पाउंड औरर यूरो का नाम शामिल है. इसके अलावा मुस्लिम देश जॉर्डन, जिसकी आबादी सिर्फ 1 करोड़ 12 लाख है, उसकी करेंसी की कीमत भी इंडियन रुपये के मुकाबले काफी ज्यादा है. वाइस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक 1 जॉर्डेनियन दिनार (JOD) की कीमत इंडियन करेंसी में लगभग 126.8 रुपये के बराबर है. वहीं 1 भारतीय रुपया जॉर्डन में महज 0.00788 जॉर्डेनियन दिनार के बराबर है. इस हिसाब से अगर कोई भारतीय जॉर्डन में सिर्फ 800 जॉर्डेनियन दिनार कमा लेता है तो भारत में उसकी कीमत 1 लाख 14 हजार रुपये हो जाएगी.
मूल्य के लिहाज़ से देखें तो जॉर्डेनियन दिनार का स्थान बेहद ऊपर है. अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में यह चौथी सबसे हाई-वैल्यू मुद्रा मानी जाती है. इस सूची में इसके आगे सिर्फ कुवैती दिनार, बहरीनी दिनार और ओमानी रियाल आते हैं, इसलिए JOD को दुनिया की सबसे स्थिर और भरोसेमंद मुद्राओं में गिना जाता है.
जॉर्डेनियन दिनार इतना महंगा क्यों है?
बहुत से लोगों को लगता है कि सिर्फ तेल-समृद्ध देशों की मुद्रा ही मजबूत होती है, लेकिन जॉर्डन इसका अपवाद है. यहां बड़े तेल भंडार न होने के बाद भी उसकी मुद्रा लगातार ऊंचे स्तर पर बनी रहती है. इसका सबसे बड़ा कारण इसका आर्थिक ढांचा है. जॉर्डन अपनी मुद्रा को अमेरिकी डॉलर से स्थिर दर पर जोड़े रखता है, जिससे बाजार में अचानक उतार–चढ़ाव नहीं आता. इस स्थिरता के कारण मुद्रा पर भरोसा मजबूत रहता है और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का जोखिम कम होता है.
साथ ही जॉर्डन का केंद्रीय बैंक बहुत नियंत्रित मौद्रिक नीति अपनाता है. मुद्रा की सप्लाई सीमित रखी जाती है, जिससे JOD की कीमत समय के साथ गिरती नहीं. जॉर्डन का अर्थतंत्र आकार में छोटा जरूर है, लेकिन अनुशासित और स्थिर होने के कारण इसकी मुद्रा हमेशा ऊंचे मूल्य पर टिकी रहती है.
भारतीय रुपया कमजोर क्यों है?
भारतीय रुपये की कीमत जॉर्डेनियन दिनार के मुकाबले काफी कम है, क्योंकि INR एक फ्री-फ़्लोटिंग मुद्रा है. इसकी दरें अंतरराष्ट्रीय व्यापार, कच्चे तेल की कीमत, वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता जैसे कई कारकों के हिसाब से बदलती रहती हैं. यही कारण है कि रुपये में उतार–चढ़ाव ज्यादा देखने को मिलता है और उसकी कीमत अपेक्षाकृत कमजोर रहती है.
जॉर्डेनियन दिनार किसके नियंत्रण में है?
जॉर्डन का पूरे करेंसी सिस्टम का कामकाज सेंट्रल बैंक ऑफ जॉर्डन करता है. बैंक नोट जारी करना, सिक्कों की आपूर्ति तय करना और मुद्रा की नीतियां बनाना. सब कुछ इसी संस्थान के नियंत्रण में होता है. 1964 में इसके गठन के बाद से जॉर्डन ने अपनी मुद्रा को मजबूत और स्थिर बनाए रखने में निरंतर सफलता हासिल की है.
जॉर्डन के नोट और सिक्के
जॉर्डन में चलन में आने वाले सभी नोट और सिक्के केंद्रीय बैंक की तरफ से छापे और जारी किए जाते हैं. यही नियंत्रण इसकी मुद्रा को अनियंत्रित बाजार से बचाता है और JOD को दुनिया की सबसे स्थिर मुद्राओं में बनाए रखता है.
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