पटनाः नागरिकता बचाओ रैली में पहुंचे कन्हैया कुमार, बोले-'दंगा करने वाले डरपोक होते हैं'
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पटना के गांधी मैदान में नागरिकता बचाओ रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. जिस दौरान उन्होंने दिल्ली हिंसा पर बोला कि दंगा करने वाले डरपोक होते हैं.

पटना: गांधी मैदान में नागरिकता बचाओ रैली को संबोधित करने पहुंचे जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नागरिकता कानून और दिल्ली के हालातों पर सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. उन्होंने बड़ी संख्या में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जो हालात हैं उनके खिलाफ बोलना जरूरी है.
गांधी को मानने वाले देशद्रोही बना दिए गए और गोडसे समर्थक संसद में बैठे हैं: कन्हैया
कन्हैया ने कहा कि कितनी चालाकी से इस देश में गांधी जिंदाबाद कहने वाले लोगों को देशद्रोही कहा जा रहा है. वहीं गोडसे जिंदाबाद कहने वालों को संसद में बिठाया जाता है. कन्हैया ने कहा कि देश में गृहमंत्री को पेंशन मिलेगी और वर्दी पहनने वालों को पेंशन नहीं मिलेगी. कन्हैया ने कहा कि हमारे बच्चों को पत्थर थमाया जाता है और नेता अपने बच्चों को बीसीसीआई का अध्यक्ष बनाते हैं. कन्हैया का कहना है कि जो इस देश में मुसलमान रह गए उन्होंने जिन्ना को नहीं बल्कि गांधी को अपना राष्ट्रपिता चुना था.
गांधी करते थे रोटी-कपड़ा मकान और शिक्षा की बात: कन्हैया
कन्हैया ने कहा कि 'मुझे अफ़सोस है कि अगर गांधी दिल्ली में होते तो आज नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हिंसा नहीं होती. मुझे नेताओं की तरह बयानबाजी नहीं करनी है. इस देश को अब ज़रूरत है कि हम गांधी के रास्ते पर चलें.' इसके साथ ही कन्हैया ने कहा कि आज के समय में हमें भगत सिंह की ज़रूरत है. कन्हैया कहते हैं कि गांधी जी सबको शिक्षा-रोटी-कपड़ा और मकान दिलाने की बात करते हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि 'मेरे पिताजी किसान हैं और मेरे भाई सेना में है मेरे भाईयों ने शहादत भी दी है. हम इस मैदान में किसी को नेता बनाने के लिए नहीं आए हैं.'
दिल्ली दंगे पर कपिल मिश्रा के बयान पर उठाए सवाल
कन्हैया ने कहा कि 'आज के समय में इंसानियत का क़त्ल हो रहा है. कपिल मिश्रा के ऊपर देशद्रोह का मुक़दमा नहीं हुआ लेकिन कोई विद्यार्थी सवाल पूछे तो उसपर देशद्रोह का मुक़दमा हो जाएगा.' कन्हैया ने कहा कि कर्नाटक में छोटी बच्चियां जो नाटक कर रही थी उनपर देशद्रोह का मुकदमा किया.
दंगा करने वाले डरपोक होते हैं: कन्हैया
अपने भाषण में कन्हैया ने कहा कि आज बिहार सरकार से सवाल होना चाहिए कि बिहार से पलायन क्यों हो रहा है. वहीं कन्हैया ने दंगे पर कहा कि याद रखिएगा जब देश को ज़रूरत थी तो लोग सड़कों पर क्यों नहीं निकले. कन्हैया का कहना है कि सारे के सारे मंत्री दिल्ली में ही हैं. उन्हें सड़कों पर उतार दिया जाता तो ऐसी नौबत नहीं आती. कन्हैया का कहना है कि उन्होंने दंगाइयों को देखा है. उनपर हमला हुआ लेकिन ये सभी दंगा करने वाले डरपोक हैं.
शिक्षा-स्वास्थ्य पर सरकार को घेरा
कन्हैया ने मंत्रियों और सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि किसी की बेटी कैम्ब्रिज में पढ़ती है तो किसी का बेटा ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ता है. वहीं जो मगध विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं उनकी पढ़ाई तीन साल के बजाय पांच साल में करवाई जाती है. जबकि स्वास्थ्य व्यवस्था पर केंद्र और बिहार सरकार को एकसाथ घेरते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में अगर कोई इलाज कराने जाते है तो मरीज़ के साथ अटेंडेंट भी बीमार होकर आता है.
इसके साथ ही कन्हैया ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश को नागरिकता क़ानून में उलझाकर एलआईसी बेच दी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'हमें तय करना होगा कि हमें जिन्ना, गोडसे की धरती पर चलना है या अम्बेडकर, गांधी के रास्ते पर.' कन्हैया का कहना है कि हम इस धरती पर दंगा नहीं होने देंगे. अगर आज NPR पर लड़ेंगे तो कल बेरोजगारी के खिलाफ भी लड़ना है.
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