Vostok 2022: रूस के युद्धाभ्यास में चीन के साथ भारत के शामिल होने पर ओवैसी ने जताई आपत्ति, पीएम मोदी से पूछा यह सवाल
Russia Military Exercise: असदुद्दीन ओवैसी ने रूसी युद्धाभ्यास में चीन के साथ भारतीय सेना के शामिल होने पर आपत्ति जताई है. ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर भी कमेंट किया है.

Asaduddin Owaisi Reaction on Vostok 2022: एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रूस (Russia) द्वारा आयोजित किए गए युद्धाभ्यास (War Drill) में भारतीय सेना (Indian Army) के शामिल होने पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सवाल किया है. असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, ''क्या प्रधानमंत्री हमें बताएंगे कि हम चीन (China) के साथ युद्धाभ्यास क्यों कर रहे हैं, वह भी रूस में? 50,000 भारतीय सेना के जवान लद्दाख में पीएलए का सामना कर रही हैं, जिसने हमारी जमीन पर कब्ला कर लिया है.''
एक और ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग करते हुए लिखा, ''अगर एस जयशंकर तर्क देते हैं कि चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं तो वह हमारे सैनिकों से क्या चाहते होंगे?''
Will the PM tell us why we are doing a major military exercises with China ,that too in Russia? 50,000 Indian Army is facing PLA in Ladakh who have occupied Our Land
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 1, 2022
Major multinational military drills kick off in Russia — RT Russia & Former Soviet Union https://t.co/dZlbZGYby5
रुस के युद्धाभ्यास में ये देश हो रहे शामिल
रूस गुरुवार से ‘वोस्तोक 2022’ युद्धाभ्यास कर रहा है, जिसे लेकर अमेरिका के व्हाइट हाउस ने भी आपत्ति जताई है. रूस एक से सात सितंबर तक वोस्तोक 2022 सैन्य अभ्यास आयोजित कर रहा है. रूस ने घोषणा की थी कि युद्धाभ्यास में भारत, चीन और कई देशों के 50 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाले देशों की सेनाओं को रक्षात्मक और आक्रामक अभियानों के गुर सीखने का अवसर मिलेगा. सैन्य अभ्यास सात अलग-अलग जगहों पर किया जाएगा.
व्हाइट हाउस ने यह कहा
जानकारी के मुताबिक, युद्धाभ्यास में 50 हजार सैनिकों, युद्ध से जुड़े पांच हजार साजो समान और सैन्य उपकरण, 140 विमान, 60 जंगी जहाज और अन्य जहाज शामिल किए जा रहे हैं. रूस के इस युद्धाभ्यास में भारत और चीन के अलावा, लाओस, मंगोलिया, निकारागुआ, सीरिया और पूर्व सोवियत देशों के हिस्सा लेने की बात कही गई है. अमेरिकी व्हाइट हाउस की ओर से प्रेस सचिव जीन पियरे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूक्रेन के साथ अकारण और बर्बर युद्ध छेड़ने वाले रूस के साथ किसी भी अन्य देश का युद्धाभ्यास करना उसके लिए चिंता की बात है.
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