सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह ने मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री ने मुम्बई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुंबई पुलिस ने क्या जांच की उसकी रिपोर्ट मेरे पास नहीं है. लेकिन जो भी उन्होंने किया 40- 45 दिन तक कोई नतीजा निकला नहीं. यह जो मौत हुई है यह शक के दायरे में है इसमें कहीं कोई शक नहीं है.

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 40 से 45 दिन बीत जाने के बाद भी मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है. जो बातें सामने आ रही है , उससे एक बात तो तय हैं कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत सामान्य मौत नहीं है और यह भी साफ है कि अब तक की जांच में तथ्यों को सही तरीके से नहीं रखा गया. फिलहाल जितने एंगल सामने आ रहे हैं उनकी गंभीरता से जांच किए जाने की जरूरत है. सीबीआई जांच से मांग पर आरके सिंह ने भी अपनी सहमति जताई है. उन्होंने कहा जब परिवार के लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, तो फिर राज्य सरकार को क्या आपत्ति होगी और क्यों नहीं राज्य सरकार सीबीआई जांच कराती है?
गौरतलब है कि बिहार पुलिस सुशांत सिंह मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद जिस तरह से तेजी बरती है. उसके बाद से सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है. जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके बाद सीबीआई जांच की मांग और तेज हो गई है.
इस मुद्दे पर एबीपी न्यूज ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और बिहार की आरा लोकसभा सीट से सांसद आरके सिंह से बात की. उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले में बिहार का सेंटीमेंट इंवॉल्व हो चुका है. वह केवल बिहार के नहीं थे. बल्कि वह एक होनहार कलाकार थे. मेरा मानना है केवल इसी मामले में नहीं. हर मामले में ऐसी जांच होनी चाहिए जिसमें लोगों की आस्था रहे.
केंद्रीय मंत्री ने मुम्बई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुंबई पुलिस ने क्या जांच की उसकी रिपोर्ट मेरे पास नहीं है. लेकिन जो भी उन्होंने किया 40- 45 दिन तक कोई नतीजा निकला नहीं. यह जो मौत हुई है यह शक के दायरे में है इसमें कहीं कोई शक नहीं है. प्रश्न यह उठता है कि 40-45 दिन कोई इन्वेस्टिगेशन आगे ना बढ़े. इस पर सवाल उठते हैं.
इसीलिए उनके पिताजी ने जो 74 वर्ष के हैं, उन्होंने पटना में मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में सारे एंगल अब सामने आ रहे हैं. जो दिखाता है जो जांच इससे पहले हुई उसमें डिफेक्ट था.
यदि उनके पिता की मांग है कि सीबीआई जांच होनी चाहिए तो महाराष्ट्र सरकार को इसमें आपत्ति क्यों है. यदि किसी को लगता है कि सीबीआई से जांच करानी चाहिए तो करा देनी चाहिए. उसमें आपत्ति क्या हो. सीबीआई जांच की मांग को लेकर पत्र लिखने के सवाल पर बोले मेरा पत्र लिखने का सवाल नहीं है इसमें. मै मंत्री हूं मेरी एक गरिमा है. लेकिन यह मेरा मत नहीं पूरे बिहार का मत है.
उन्होंने सलाह देते कहा कि एडवाइजेबल होगा कि जब एक ही मामले की जांच दो एजेंसिया कर रही हैं. महाराष्ट्र पुलिस और बिहार पुलिस तो मुझे लगता है एडवाइजेबल है कि इसकी जांच तीसरे से करा लेनी चाहिए. यानी सीबीआई से जांच करा लेनी चाहिए.
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