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Manoj Sinha On J&K Elections: जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने से पहले हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिए संकेत
Manoj Sinha On J&K Elections: मनोज सिन्हा ने कहा- "यह नयी सीट कहां बनेगी और कैसे इसका फैसला तो परिसीमन आयोग करेगा क्योंकि भारत में चुनाव कब और कहां करवाने है इसका फैसला चुनाव आयोग करता है."
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Manoj Sinha On J&K Elections: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने से पहले चुनाव हो सकते हैं. इस बात के संकेत मंगलवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दिए. प्रेस वार्ता लोक सभा स्पीकर ओम बिरला के पंचायत राज आउटरीच कार्यक्रम को लेकर था. मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और परिसीमन आयोग जैसे ही अपनी कवायद पूरी कर लेगा चुनाव कराए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि “15 अगस्त के भाषण में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि परिसीमन आयोग तेजी से काम कर रहा है. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही सदन में कह चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर को उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा."
मनोज सिन्हा के बयान से साफ़ ज़ाहिर है कि फिलहाल केंद्र सरकार सिर्फ चुनाव करवाने पर विचार कर रही है और प्रदेश को पूर्ण राज्य पर फैसले के लिए अभी समय नहीं आया है. मनोज सिन्हा के अनुसार जैसे ही परिसीमन आयोग अपनी कवायद पूरी करेंगे, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे और "जहां तक चुनाव की तारीख का सवाल है, यह भारत के चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है."
जम्मू कश्मीर पिछले तीन सालो से चुनी हुई सरकार नहीं है और 5 अगस्त 2019 को राज्य का विशेष दर्जा हटाए जाने और प्रदेश के विभाजन के बाद चुनाव नहीं हो पाया है. जम्मू और कश्मीर (राज्य) पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार, प्रदेश के विभाजन के बाद जम्मू कश्मीर (UT) में विधानसभा सीटों की संख्या में 7 सीटों की वृद्धि होगी और इन नई सीटों के निपटारे के बाद ही चुनाव हो सकते हैं.
मनोज सिन्हा ने कहा- "यह नयी सीट कहां बनेगी और कैसे इसका फैसला तो परिसीमन आयोग करेगा क्योंकि भारत में चुनाव कब और कहां करवाने है इसका फैसला चुनाव आयोग करता है." दिलचस्प बात यह है कि जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान, परिसीमन आयोग के सदस्यों ने कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया केवल सैद्धांतिक नहीं थी.
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