एक देश एक चुनाव पर जेपीसी में मंथन: साल्वे ने बताया संविधान के अनुकूल तो जस्टिस शाह ने उठाए सवाल
Meeting On One Nation One Election: विधेयक की खामियां गिनाते हुए दिल्ली HC के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह ने चुनाव आयोग को विधानसभा के चुनाव आगे बढ़ाने की सिफारिश से जुड़े प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए

One Nation One Election: एक देश एक चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) को लेकर संविधान संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति की कानूनविदों के साथ विचार विमर्श का सिलसिला जारी है. सोमवार (17 मार्च, 2025) को हुई जेपीसी की पांचवी बैठक में देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे और बीसवें विधि आयोग के अध्यक्ष रहे रिटायर्ड जस्टिस एपी शाह ने समिति के सदस्यों के सामने अपनी राय शेयर की.
सूत्रों के मुताबिक, जहां हरीश साल्वे ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया और प्रस्तावित विधेयक को संविधान के अनुकूल बताया वहीं एपी शाह ने सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें कानूनी अड़चन आएगी. पहले की बैठकों की तरह ही पांचवी बैठक भी काफी लंबी चली.
जस्टिस शाह ने प्रस्ताव पर खड़े किए सवाल
सूत्रों के मुताबिक, विधेयक की खामियां गिनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह ने चुनाव आयोग को विधानसभा के चुनाव आगे बढ़ाने की सिफारिश से जुड़े प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए और कहा कि विधेयक संघीय ढांचे के ख़िलाफ़ है. इसके साथ पूरे देश में एक बार में चुनाव करवाने से होने वाले बचत के दावों को लेकर भी उन्होंने असहमति जताई.
हरीश साल्वे ने क्या कहा?
दूसरी तरफ़ वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने एक देश एक चुनाव विधेयक को पूरी तरह संविधान के मूल ढाँचे के अनुकूल बताया. आपको बता दें कि साल्वे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश एक चुनाव पर गठित उच्चरित समिति के सदस्य भी थे.
बैठक के बाद जेपीसी के प्रमुख पीपी चौधरी ने कहा कि सकारात्मक माहौल में चर्चा हुई. हरीश साल्वे ने तीन तो एपी शाह ने दो घंटे तक अपनी बात रखी और सवालों के जवाब दिए. सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते समिति की अगली बैठक हो सकती है. जल्द ही आम लोगों की राय जानने के लिए एक वेबसाइट जारी किया जाएगा.
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Source: IOCL






















