Christian Traditions: बच्चों पर क्रिश्चियन परंपराओं को न थोपें, उन्हें पढ़ाएं संविधान की प्रस्तावना, किसने कही ये बात?
CBCI Guidelines: हाल के दिनों में ईसाई समुदाय की ओर से संचालित शिक्षण संस्थानों के प्रिंसिपल और स्टाफ पर हमले और विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे.
CBCI Suggestions: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों को सुझाव दिए हैं कि सभी आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करें, अन्य धर्मों के छात्रों पर ईसाई परंपराओं को न थोपें, सुबह की प्रेयर में छात्रों से संविधान की प्रस्तावना पढ़वाएं और स्कूल परिसर में एक इंटर-रिलीजियस प्रेयर रूम स्थापित करें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीसीआई ने ये कदम देश में वर्तमान सामाजिक-सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनितिक स्थिति की वजह से उभरती चुनौतियों को देखते हुए उठाया है. सीबीसीआई भारत में कैथोलिक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली और निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है. इसके अधीन लगभग 14,000 स्कूल, 650 कॉलेज, सात विश्वविद्यालय, पांच मेडिकल कॉलेज और 450 तकनीकी और व्यावसायिक संस्थान हैं.
जनवरी में हुई आम सबा की बैठक के बाद दिए गए सुझाव
दरअसल, जनवरी में बेंगलुरु में सीबीसीआई की 36वीं आम सभा की बैठक हुई थी. इसके बाद सोमवार (01 अप्रैल) को सीबीसीआई के शिक्षा और संस्कृति कार्यालय ने 13 पेज के निर्देश और दिशानिर्देश जारी किए. पहली बार जारी किए गए ये दिशानिर्देश ईसाई समुदाय की ओर से संचालित शिक्षण संस्थानों के प्रिंसिपल्स और स्टाफ के खिलाफ हाल के हमलों और विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए जारी किए गए.
कब-कब हुई इस तरह की घटनाएं
हालिया घटना फरवरी में हुई जब त्रिपुरा में एक निजी ईसाई मिशनरी संचालित स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर एक छात्र को हिंदू प्रतीक वाला कलावा पहनने से प्रतिबंधित कर उसे जब्त कर लिया था. इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इसी महीने असम में एक कट्टरपंथी हिंदू समूह ने राज्य के ईसाई स्कूलों को अपने परिसरों में पुजारियों, ननों और भाइयों द्वारा पहने जाने वाले सभी ईसाई प्रतीकों और धार्मिक आदतों को हटाने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया.
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