11वीं तक हाइब्रिड मोड में स्कूल, ऑफिस में 50% वर्क फ्रॉम होम... दिल्ली में GRAP-4 लागू होने के बाद ये बदलाव
GRAP-4 Rules in Delhi: CAQM ने कहा कि पूरी दिल्ली में AQI को देखते हुए और हालात बिगड़ने से रोकने के लिए CAQM सब-कमेटी ने पूरे NCR में तत्काल प्रभाव से GRAP के चौथे चरण को लागू करने का फैसला किया है.

दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 के तहत कड़े प्रदूषण नियंत्रण के उपाय शनिवार (13 दिसंबर, 2025) से लागू कर दिए गए हैं. ग्रैप-4 लागू होने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि क्लास 10 को छोड़कर क्लास 11 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड यानी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से कराई जाए.
इसके साथ ही, सरकारी और निजी कार्यालयों में भी 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के तहत काम करने के निर्देश दिए गए हैं. इससे पहले 24 नवंबर को GRAP-3 लागू होने के बाद भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था, जिसे बाद में उपायों को हटने पर आदेश को वापस ले लिया गया था.
शाम 6 बजे तक AQI बढ़कर हो गया 441
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण-रोधी पैनल ने शनिवार (13 दिसंबर, 2025) को दोपहर में दिल्ली और आसपास के इलाकों में GRAP-3 के तहत प्रतिबंध लागू किए गए थे और शाम में ही वायु गुणवत्ता के और ज्यादा बिगड़ते हालात को देखते हुए इसे GRAP-4 तक बढ़ा दिया गया. दिल्ली में शनिवार (13 दिसंबर, 2025) को शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 431 दर्ज किया गया और शाम 6 बजे यह बढ़कर 441 हो गया.
GRAP- 4 लागू होने के बाद होंगे ये बदलाव
- ग्रैप-4 के नियम के तहत दिल्ली में गैर-जरूरी ट्रकों के एंट्री पर बैन रहेगा. हालांकि, जरूरी सामानों या सेवाओं को लेकर जाने वाले ट्रकों या LNG, CNG, इलेक्ट्रिक अथवा BS-VI डीजल जैसे स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले ट्रकों को छूट दी गई है.
- दिल्ली में रजिस्टर्ड मध्यम और भारी मालवाहक डीजल वाहनों (BS-IV और उससे पुराने) पर बैन रहेगा, सिवाय उन वाहनों के जो आवश्यक सेवाओं में लगे हों.
- दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के कॉमर्शियल वाहन, जो EV, CNG या BS-VI डीजल मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें भी जरूरी सेवाओं को छोड़कर राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
- सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य पूरी तरह बंद रहेंगे. इसमें हाईवे, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पॉवर ट्रांसमिशन लाइनें और पाइपलाइन जैसी सार्वजनिक परियोजनाएं भी शामिल हैं.
- संवेदनशील वर्गों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली और एनसीआर की राज्य सरकारें क्लास 6 से 9 और क्लास 11 के छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में बदल सकती हैं. वहीं, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में परेशानी न हो, इसलिए क्लास 10 और 12 को इससे छूट दी जाती है.
- सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालयों को कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम के साथ संचालन की सलाह दी गई है. इसके साथ, पीक आवर्स में ट्रैफिक कम करने के लिए काम के समय में बदलाव (स्टैगर्ड टाइमिंग) भी लागू की जा सकती है.
इन उपायों के अलावा वैकल्पिक आपात कदमों के तहत राज्य सरकारों को आगे के उपायों पर विचार करने का अधिकार भी है, जिसमें कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों को निलंबित करना या ऑड-ईवन वाहन योजना लागू करना शामिल हो सकता है वहीं, केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की नीति पर फैसला ले सकती है.
दिल्ली प्रदूषण को लेकर CAQM ने क्या कहा?
CAQM ने एक बयान में कहा, “पूरे दिल्ली क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के मौजूदा रुझानों को देखते हुए और इसके और ज्यादा बिगड़ने से रोकने की कोशिश में GRAP पर CAQM सब-कमेटी ने पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से मौजूदा GRAP के चौथे चरण के तहत निर्धारित सभी उपायों को लागू करने का फैसला किया है. यह पहले से लागू GRAP के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के उपायों के अतिरिक्त होगा.”
किस स्थिति में लागू होते हैं GRAP के विभिन्न चरण?
उल्लेखनीय है कि ग्रैप-1 के प्रतिबंध तब लागू किए जाते हैं, जब AQI 201 से 300 (खराब) के बीच होता है, ग्रैप-2 चरण तब लागू होता है जब यह 301 से 400 (बहुत खराब) के बीच हो, AQI के 401 से 450 (गंभीर) के बीच होने पर ग्रैप-3 लागू किया जाता है और ग्रैप-4 तब लागू किया जाता है, जब AQI 450 से ऊपर (अत्यंत गंभीर) पहुंच जाता है.
यह भी पढ़ेंः 'मगरमच्छ के आंसू...', मेस्सी इवेंट में अफरा-तफरी पर ममता बनर्जी ने मांगी माफी तो बोली BJP, TMC ने दिया ये जवाब
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























