Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में क्यों रखते हैं खीर, इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व जानें
Sharad Purnima 2024 Moon: शरद पूर्णिमा आज है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. चांद की रोशनी मे खीर रखने की परंपरा भी है. इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी हैं, जिन्हें आइए जानते हैं.
Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा का पर्व बेहद खास है. इस दिन को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखते हैं और बाद में उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. इस पर्व से जुड़ी कुछ विशेष मान्यताओं के बारे में बता रही हैं ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा.
शरद पूर्णिमा महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की समुद्र मंथन से उत्पत्ति शरद पूर्णिमा के दिन ही हुई थी. इसलिए इस तिथि को धन-दायक भी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और जो लोग रात्रि में जागकर मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं, वे उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं और धन-वैभव प्रदान करती हैं.
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता और पृथ्वी पर चारों चंद्रमा की उजियारी फैली होती है. धरती जैसे दूधिया रोशनी में नहा जाती है. माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की बरसात होती है, इसलिए रात्रि में चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा भी है. शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहां पर क्लिक करें- शरद पूर्णिमा पर भगवान कृष्ण ने रचाई थी महारास लीला
शरद पूर्णिमा पूजा विधि (Sharad Purnima Puja Vidhi)
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. यदि नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं और गंगाजल से शुद्ध करें. चौकी के ऊपर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और लाल चुनरी पहनाएं. अब लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें. इसके बाद मां लक्ष्मी के समक्ष लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें.
पूजन संपन्न होने के बाद आरती करें. शाम के समय पुनः मां और भगवान विष्णु का पूजन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें. चावल और गाय के दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें. मध्य रात्रि में मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के रुप में परिवार के सभी सदस्यों को खिलाएं.
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