New Year 2026: 1 जनवरी 2026 का पहला दिन क्यों है बेहद खास? जानें शुभ मुहूर्त, व्रत और योग
New Year 2026: नए साल का जश्न शुरू हो गया है और लोग 2026 का स्वागत करने में उत्साहित हैं. धार्मिक लोग जानना चाहते हैं कि साल के पहले दिन ग्रह-नक्षत्र की स्थिति कैसी रहेगी. आइए जानते हैं इसके बारे में–

New Year 2026 Shubh Sanyog: नए साल का जश्न शुरू हो चुका है. ऐसे में हर कोई साल 2026 का स्वागत करने के लिए बेहद उत्साहित है.
इस दिन कुछ ऐसा खास है जो आपके लिए 2026 का पूरा साल शुभ फलदायक और खास बना देगा. धार्मिक आस्था रखने वाले लोग यह जानना चाहते हैं कि नए साल के पहले दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति कैसी रहेगी. आइए जानते हैं 1 जनवरी के नौ शुभ संयोग के बारे में-
नए साल को लेकर क्यों है खास अपडेट
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नववर्ष 2026 का पहला दिन अत्यंत शुभ रहने वाला है. यह दिन एक या दो नहीं बल्कि पूरे नौ शुभ संयोगों के साथ आ रहा है, कृपया भगवान विष्णु और देवों के देव महादेव दोनों की ही कृपा प्राप्त करें.
खास बात यह है कि इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की पूजा का दुर्लभ संयोग बनता है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ता है.
01 जनवरी 2026 का शुभ अवसर
- ब्रह्मचर्य - 05:25 से 06:19 तक
- अभिजीत उत्सव - 12:04 अधिष्ठापन से 12:45 अधिष्ठापन
- लाभ-उन्नति महोत्सव - 12:25 से 01:42 बजे तक
- अमृत-सर्वोत्तम पूजन - 01:42 से 03:00 अपराह्न तक
- विजय उत्सव - 02:08 से 02:50 तक
- अमृत काल- 07:57 बजे से 09:23 बजे तक
इन उत्सवों में पूजा, और नई रोमानियाई की शुरुआत में अत्यंत संकल्प मांगा गया है.
तारीख, व्रत और योग क्यों हैं बेहद खतरनाक
नए साल के पहले दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि रहेगी, जो प्रात:काल से रात्रि 10:22 बजे तक है. इसके बाद चतुर्थांश डेटस्टार होगी. दोनों ही तिथियां भगवान शिव को समर्पित मणि जाती हैं.
1 जनवरी 2026 को गुरु प्रदोष व्रत भी है, जो साल का पहला प्रदोष है. इस दिन शिव पूजा करने से मन की शांति होती है. इसके साथ ही गुरुवार का व्रत भी होता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है.
इस दिन विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और समृद्धि बढ़ती है. इस दिन शुभ योग प्रातःकाल से शाम 05:12 बजे तक रहेगा. इसके बाद शुक्ल योग बनेगा, जो रात तक रहेगा. हालाँकि दोनों योग नई नौकरियाँ और माँगलिक नौकरियाँ के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं.
नक्षत्र और ग्रह स्थिति
1 जनवरी 2026 को रोहिणी नक्षत्र प्रात: काल से रात्रि 10:48 बजे तक रहेगा. इसे सुख, समृद्धि, विकास और सौन्दर्य का प्रतीक माना जाता है. इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र का आरंभ होगा.
नववर्ष के शुभारंभ पर रवि योग भी बन रहा है, जो 1 जनवरी की रात 10:48 बजे से 2 जनवरी की सुबह 07:14 बजे तक रहेगा. रवि योग में बताए गए कार्य से दोष दूर होते हैं और सूर्य पूजा से विशेष लाभ मिलता है.
1 जनवरी 2026 को सुबह से रात 10:22 बजे तक नंदी पर शिववास. इस दौरान रुद्राभिषेक का विशेष फलदायक माना गया है.
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