देवी सावित्री ने तब ब्रह्मा जी को श्राप दिया जब उन्हें पता चला कि ब्रह्मा जी ने उनकी अनुपस्थिति में एक अन्य सुंदर कन्या से विवाह कर यज्ञ पूरा किया। इससे वे बहुत नाराज हुईं।
Brahma Ji Temple: आखिर क्यों नहीं होती भगवान ब्रह्मा की पूजा? जानें पुष्कर मंदिर का रहस्य और श्राप!
Brahma Ji Temple: ब्रह्मा जी का सिर्फ एक मात्र मंदिर पुष्कर में है, जहां उनकी चतुर्मुखी मूर्ति विराजमान है. मगर पूरी दुनिया में उनका एक ही मंदिर ही क्यों है और क्यों उनकी पूजा नहीं की जाती.

Brahma Ji Temple: हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस पूरे जगत का निर्माण ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवताओं ने किया है. इसलिए इन्हें त्रिदेव भी कहा जाता है. यहीं तीन त्रिदेव इस जगत के निर्माता, पालनकर्ता और विनाशक भी है.
जिसमें से ब्रह्मा जी को जगत का रचयिता कहा जाता है, मगर कई लोगों के मन में सवाल आता है कि, भगवान विष्णु और शिव जी के दुनिया भर में कई मंदिर देखने को मिलते हैं और घरों में भी इनकी पूजा की जाती है. वहीं ब्रह्मा जी का ना कोई मंदिर देखा जाता है और ना ही उनकी पूजा नहीं की जाती.
यहां है ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर
ब्रह्मा जी का मंदिर पूरी दुनिया में एक ही जगह पुष्कर राजस्थान में है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 14वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसका स्वरूप आज भी वैसा हीं है. यह मंदिर संगमरमर का बना हुआ है और इसमें चतुर्मुखी ब्रह्मा जी विराजमान है.
आइए जानते है कि ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं की जाती और पूरी दुनिया में इनका एक जगह मंदिर क्यों है.
क्या है ब्रह्मा जी की पूजा ना होने का कारण?
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ब्रह्मा जी को देवी सावित्री का श्राप मिल रखा है. ब्रह्मा जी एक बार अपने वाहन हंस पर सवार होकर यज्ञ के लिए जगह खोजने निकले थे, तभी उस समय उनके हाथ से कमल का फूल गिर गया.
जिसके बाद वहां तीन झीले बन गई. जिनका नाम बाद में ब्रह्मा पुष्कर, विष्णु पुष्कर और शिव पुष्कर का नाम पड़ा.
देवी सावित्री ने दिया था ब्रह्मा जी को श्राप
ब्रह्मा जी जब यज्ञ करने गए तो , वहां उस यज्ञ में उनकी पत्नी का होना जरूरी था. मगर उस वक्त देवी सावित्री वहां उपस्थित नहीं थी और पूजा का मुहूर्त भी निकला जा रहा था. ऐसे में ब्रह्मा जी ने वहां उपस्थित एक सुंदर कन्या से विवाह कर यज्ञ को संपन्न किया.
मगर जब इस बात का पता देवी सावित्री को लगा तब वे बहुत नाराज हुई, जिसके बाद उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया की पूरे जगत में वे कहीं नहीं पूजे जाएंगे.
पुष्कर की पहाड़ियों पर कि थी देवी सावित्री ने तपस्या
इसी श्राप के कारण आज भी भगवान ब्रह्मा की पूजा दुनिया के किसी और मंदिर में नहीं की जाती. कहा जाता है कि यही वजह है कि उनका एकमात्र मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है. मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने यहीं रहकर दस हज़ार वर्षों तक सृष्टि की रचना की और पांच दिनों तक यज्ञ संपन्न किया.
उसी समय देवी सावित्री क्रोधित होकर तपस्या के लिए पुष्कर की पहाड़ियों पर चली गईं और आज भी वे उस मंदिर में विराजमान है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Frequently Asked Questions
देवी सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप क्यों दिया?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























