अल्लाह की इबादत कैसे की जाती है?
Islam Religion: अल्लाह की इबादत करने के लिए आपको उनके निकट जाना होगा. अल्लाह की इबादत करने से हमारे जीवन के उद्देश्य साथ हमारे संकल्प भी मजबूत होते हैं. आइए जानते हैं अल्लाह की इबादत कैसे करें?
Islam Religion: इस्लाम धर्म दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा धर्म, जिनके अनुयायियों की संख्या विश्वभर में काफी है. इस्लाम को मानने वाले अल्लाह में विश्वास रखते हैं. नेक कामों से अल्लाह ताआला अपने बंदों पर रहमत दिखाते है. अल्लाह ताआला के नजदीक जाने के लिए उनकी इबादत से बड़ा कुछ भी नहीं है. आपका सच्चा ईमान आपको अल्लाह के करीब ले जाता है. इस्लाम के मुताबिक ये दुनिया अल्लाह ताआला की बनाई है. निश्चित रूप से हम सभी अल्लाह के हैं और एक दिन हम सभी उनके पास लौट जाएंगे.
अल्लाह की इबादत कैसे करे?
जिक्र करें
अल्लाह की इबादत के लिए सबसे पहला काम है "जिक्र" अल्लाह का स्मरण करना. जो भी मुसलमान अल्लाह ताआला की तस्बीह (बार-बार याद करना) करता है. वो अल्लाह के सबसे करीब होता है. आप अल्लाह की इबादत खाना बनाते, पौधे में पानी डालते या किसी भी समय अल्लाह का जिक्र कर सकते हैं. अल्लाह ताआला कहते हैं कि जिनके पास तर्क और समझ है और जो अपने जीवन के ज्यादातर समय में अल्लाह ताआला को याद करता है, वो इबादत के जरिए मेरे सबसे निकट आ जाता है.
प्रार्थना करें
अल्लाह की इबादत के लिए प्रार्थना करना भी बेहद अहम है. जो भी मुसलमान 5 वक्त की नमाज अदा करता है. अल्लाह ताआला उस व्यक्ति से काफी खुश होते हैं. नमाज मुसलमानों के लिए अनिवार्य है. ये पैगंबर मोहम्मद की इबादत के लिए काफी सरल उपाय है. अगर आप अल्लाह की इबादत और उनके निकट जाना चाहते हैं, तो सुन्नत नमाजों को अपनानें की कोशिश करें. जैसे कि नवाफ़िल, सोलात हजात या सोलात तहज्जुद. अल्लाह अपने नेक दिल के बंदों को कभी भी निराश नहीं करता है.
इस्तगफ़ार
अल्लाह ताआला की इबादत आप इस्तगफ़ार के जरिए भी कर सकते हैं. इस्तगफ़ार का मतलब क्षमा मांगना होता है. इस्लाम धर्म के मुताबिक किसी भी इंसानिया का विकास गलती को स्वीकार करने से होता है. इस्तफ़ार एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब अल्लाह ताआला से माफी मांगना होता है.
सेलावत (अल्लाह को प्रार्थना और आशीर्वाद भेजना)
अल्लाह कहते है कि जो कोई भी मुझ पर एक बार भी सेलावत (प्रार्थना और आशीर्वाद) भेजता है, अल्लाह उसपर 10 गुना अधिक आशीर्वाद भेजता है. हदीस में कहा गया है कि, हम सभी के प्यारे पैगंबर मोहम्मद पर सेलावत भेजने के काफी सारे लाभ होते हैं. सेलावत हमारी आत्मा को शुद्ध करता है और हमें अल्लाह के करीब ले जाता है.
अपने प्रियजनों के साथ बेहतर रिश्ते बनाएं
इस्लाम धर्म में आस्था रखना लोगों का निजी मसला है. अल्लाह कहते है कि अपने प्रियजनों के साथ अच्छा व्यवहार करना, उनके सुख-दुख का साथी बनना, उनकी मदद करना ये सब करने से अल्लाह खुश होते हैं. लोगों के साथ अच्छा बर्ताव रखना भी अल्लाह की इबादत है.
खुब सारी दुआएं पढ़ना
दुआ पढ़ना भी अल्लाह की इबादत करने का एक सरल तरीका है, जो आपको अल्लाह के करीब ले जाने का काम करता है. इस्लाम के अनुसार दुआ करना एक सेवा का भाव है, जो भगवान से जोड़े रखता है. दुसरे के लिए दुआ करने से अल्लाह ताआला हमें दुगनी खुशी देता है.
कुरान पढ़ना
इस्लाम धर्म का पवित्र का ग्रंथ कुरान अल्लाह के शब्द है. अल्लाह की इबादत करने के लिए इससे बेहतर तरीका कोई नहीं है. कुरान के अनुसार, जो कोई अल्लाह की किताब से एक अक्षर भी पढ़ेगा, उसे एक नेकी के बदले में दस फलों की प्राप्ति होगी. कुराना आपकों जीवन जीने का तरीका सीखाता है.
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