पतंजलि वेलनेस सेंटर में योग-पंचकर्म से कैसे बदल रही लाखों जिंदगियां? जानिए
पतंजलि का दावा है कि हमारे वेलनेस सेंटर आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा से लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं. देशभर में 300 से ज्यादा सेंटर हैं, जहां कम खर्च में प्राकृतिक तरीके से इलाज किया जाता है.

पतंजलि का दावा है कि उसके वेलनेस सेंटर प्राकृतिक चिकित्सा के बल पर लाखों लोगों की जिंदगियां सुधार रहे हैं. आयुर्वेद, योग, नेचरोपैथी, पंचकर्म और आहार-विहार के जरिए से ये सेंटर कई तरह के रोगों का स्थायी इलाज कर रहे हैं. पतंजलि का यह भी दावा है कि वेलनेस सेंटरों में मधुमेह, थायराइड, उच्च रक्तचाप, गठिया, मोटापा, अस्थमा, माइग्रेन, त्वचा रोग और अवसाद जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज हो रहा है.
योग और पंचकर्म से मरीजों को मिल रहा लाभ- पतंजलि
पतंजलि ने बताया है, ''मरीजों को 7, 11, 21 या 30 दिन के पैकेज में भर्ती किया जाता है, जहां सुबह 4 बजे से शाम तक योग, प्राणायाम, शत्कर्म, जूस थेरेपी, मालिश, स्नान चिकित्सा, एक्यूप्रेशर और पंचकर्म कराया जाता है. साथ ही सात विशेषज्ञों द्वारा तैयार सात्विक भोजन दिया जाता है.''
पतंजलि वेलनेस के मुख्य चिकित्सा निदेशक आचार्य बालकृष्ण बताते हैं, “हमारा लक्ष्य रोग का लक्षण नहीं, जड़ से इलाज करना है. 90% से ज्यादा बीमारियां गलत खान-पान और जीवनशैली से होती हैं. जब इन्हें ठीक कर दिया जाए तो शरीर खुद को ठीक कर लेता है.”
देशभर में हैं 300 से ज्यादा पतंजलि वेलनेस सेंटर
पतंजलि ने बताया है कि वर्तमान में देशभर में 300 से ज्यादा पतंजलि वेलनेस सेंटर कार्यरत हैं और विदेशों में भी तेजी से विस्तार हो रहा है. हर महीने लगभग 50-60 हजार लोग इन सेंटर्स में इलाज करा रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि इलाज का खर्चा बहुत कम है.
पतंजलि का कहना है, ''हमारे वेलनेस सेंटर साबित कर रहे हैं कि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आज भी उतनी ही कारगर है, जितनी हजारों साल पहले थी. ये सेंटर सिर्फ़ बीमारी नहीं, बल्कि लोगों का पूरा जीवन बदल रहे हैं. ये वेलनेस सेंटर अब सिर्फ़ इलाज का केंद्र नहीं, बल्कि लोगों के लिए आशा और विश्वास का सबसे बड़ा स्रोत बन चुके हैं. इससे सिद्ध है कि सच्ची चिकित्सा दवा नहीं, प्रकृति और अनुशासन में छुपी है.
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