डायबिटीज और ओरल हेल्थ का गहरा कनेक्शन, जानिए कारण और इसके शुरुआती संकेत
यह समझना जरूरी है कि मुंह में दिखने वाले ये लक्षण सिर्फ दांत या मसूड़ों की समस्या नहीं हैं, बल्कि यह शरीर में हो रही सिस्टेमेटिक समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं.

डायबिटीज का हमारे मुंह और दांतों पर भी गहरा असर होता है. हमारा मुंह सिर्फ खाने-पीने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक छोटी-सी, जीवंत दुनिया की तरह है. इसमें मौजूद सूक्ष्मजीव, लार और मसूड़े हमारे पूरे शरीर की इम्यून और मेटाबॉलिक सिस्टम के साथ जुड़े रहते हैं. जब ब्लड में शुगर का लेवल लंबे समय तक असंतुलित रहता है, तो यह सिर्फ शरीर की अन्य सिस्टम को प्रभावित नहीं करता, बल्कि मुंह की स्वास्थ्य स्थिति को भी बिगाड़ देता है. इस कारण से, डायबिटीज वाले लोगों में डेंटिस्ट अक्सर ऐसे रोगियों से मिलते हैं जिनके मुंह में लगातार मसूड़ों की सूजन, घावों का देर से भरना, या बार-बार संक्रमण होने जैसी समस्याएं होती हैं.
यह समझना जरूरी है कि मुंह में दिखने वाले ये लक्षण सिर्फ दांत या मसूड़ों की समस्या नहीं हैं, बल्कि यह शरीर में हो रही सिस्टेमेटिक समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं. इसलिए, डायबिटीज और ओरल हेल्थ के बीच संबंध को समझना न रोग की बेहतर निगरानी में मदद करता है. तो आइए जानते हैं कि डायबिटीज और ओरल हेल्थ का गहरा कनेक्शन के कारण और इसके शुरुआती संकेत क्या हैं.
डायबिटीज से जुड़े मुंह के लक्षण और शुरुआती संकेत
डायबिटीज के कारण मुंह में होने वाले बदलाव धीरे-धीरे सामने आते हैं. यही वजह है कि अक्सर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. कभी-कभी ये लक्षण शरीर में अन्य गंभीर जटिलताओं से पहले ही दिखने लगते हैं, जिससे मुंह स्वास्थ्य की स्थिति डायबिटीज की गंभीरता का पहला संकेत बन सकती है. शोध बताते हैं कि ज्यादातर रोगी इन लक्षणों के प्रति जागरूक नहीं होते, जिससे वे समय पर डॉक्टर से संपर्क नहीं कर पाते, डायबिटीज के शुरुआती मौखिक लक्षण में ब्रश या फ्लॉस करते समय खून आना, मुंह से लगातार बदबू, मौखिक सूखापन और बार-बार प्यास लगना, दांतों की सेंसिटिविटी या दर्द, छोटे घाव या छाले और फंगल संक्रमण , जीभ या गालों के अंदर सफेद धब्बे बनना.
डायबिटीज और ओरल हेल्थ के बीच कनेक्शन
डायबिटीज और ओरल हेल्थ के बीच संबंध शरीर में लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर के कारण होने वाले कई बदलावों पर आधारित है. जब ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, तो यह इम्यूनिटी, ब्लड फ्लो और लार की संरचना को प्रभावित करता है. इसके कारण मुंह में संक्रमण के प्रति प्रतिरोध कम हो जाता है और ऊतक धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं. इसके मुख्य कारणों मेंकमजोर इम्यूनिटी, लार में ग्लूकोज की बढ़ी मात्रा , मसूड़ों में रक्त संचार की कमी, लंबे समय तक सूजन और लार के उत्पादन में बदलाव शामिल हैं. इसलिए डायबिटीज वाले व्यक्ति में मुंह की समस्याएं जल्दी और गंभीर रूप से बढ़ सकती हैं.
डायबिटीज में और ओरल हेल्थ को कैसे कंट्रोल करें?
डायबिटीज से जुड़ी ओरल हेल्थ समस्याओं को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका सही चिकित्सकीय नियंत्रण, नियमित दंत देखभाल और जागरूक व्यवहार है. सही ग्लूकोज नियंत्रण से मुंह के ऊतक स्वस्थ रहते हैं और दंत जांच से समय पर जटिलताओं को रोका जा सकता है. इसलिए डायबिटीज के अनुसार निर्धारित दवा और उपचार योजना का पालन करें, दांतों में दर्द या समस्या न होने पर भी नियमित दंत जांच कराएं, सही तरीके से ब्रश और फ्लॉस करें, मसूड़ों में सूजन, संक्रमण या लगातार सूखापन होने पर तुरंत उपचार कराएं, तंबाकू से दूर रहें, ज्यादा मीठे या अम्लीय उत्पादों का सेवन न करें और मुंह सूखने पर शुगर-फ्री गम या लार के ऑप्शन का यूज करें.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL























