क्या होता है गाय का 'नॉनवेज' दूध? जिसे भारत भेजने की कोशिश कर रहा था अमेरिका
What Is Non Vegetarian Milk: दूध और वो भी नॉनवेज! आखिर यह क्या है और कैसे हो सकता है? इसको पढ़ने के बाद सबसे पहले दिमाग में यही ख्याल आता है. चलिए जानें कि आखि नॉनवेज मिल्क क्या होता है.

दूध हर किसी के जीवन के संपूर्णं आहार में शामिल होता है. डॉक्टर्स भी कहते हैं कि सभी को कम से कम एक गिलास दूध तो जरूर लेना चाहिए. लेकिन इन दिनों जो बहस छिड़ी हुई है वो है नॉनवेज मिल्क पर. आखिर यह नॉनवेज मिल्क होता क्या है, क्योंकि लोग भी इसका नाम सुनकर चौंक रहे हैं. दूध जैसा परंपरागत रूप से शाकाहारी मानें जानी वाली चीज मांसाहारी कैसे हो सकती है. दरअसल यह नॉन वेज मिल्क भारत और अमेरिका के ट्रेड डील की वजह से चर्चा में बना है. भारत और अमेरिका के बीच इस मिल्क की डील को लेकर क्या चल रहा है, यह तो हम जानेंगे ही, लेकिन इसके पहले यह जानेंगे कि आखिर नॉनवेज मिल्क क्या होता है.
नॉनवेज दूध क्या है?
पूरी दुनिया में हर कोई यह बात जानता है कि गाय और भैंस के दूध का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. ये जानवर घास, अनाज, चारा खाते हैं और फिर दूध देते हैं. भारत में दूध का बहुत अहम स्थान है. पूजा करने के लेकर पीने तक दूध ज्यादातर चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई दूध को बहुत चाव से पीता है. लेकिन अमेरिका में दूध को लेकर ऐसी कोई मान्यता नहीं है. गाय ज्यादा दूध दे सके, इसके लिए उसको मांस उद्योग से निकलने वाला कचरा भी खिलाया जाता है. द सिएटल टाइम्स की मानें तो वहां पर गायों को सुअर, मछली, घोड़े, मुर्गे और यहां तक कि कुत्ते या बिल्ली के अंग तक खिलाए जाते हैं. इसके अलावा उनको प्रोटीन के लिए जानवरों का खून और मोटा होने के लिए चर्बी भी दी जाती है.
पशु आहार में भी होता है एनिमल पार्ट्स का मिक्चर
रिपोर्ट्स की मानें तो जानवरों को जो भी खाने के लिए पशु आहार दिया जाता है, वो अक्सर एनिमल पार्ट्स का मिक्चर होता है. यह जानकारी उन लोगों के लिए बहुत मायने रखती है, जो कि डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि जिन जानवरों से उनको जो दूध मिलता है, उनको मांस भी खिलाया जाता है. यही वजह है कि डेयरी प्रोडक्ट्स को ‘नॉनवेज मिल्क’ कहा जाता है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील
चलिए अब आपको इस पूरे मामले में ट्रेड डील वाला एंगल भी बताते हैं. अमेरिका चाहता है भारत वहां के दूध के लिए अपने बाजार खोले, लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है. नॉनवेज मिल्क को लेकर भारत की अपनी सांस्कृतिक भावनाएं हैं. इसको लेकर भारत चाहता है कि पहले यह सुनिश्चित हो जाए कि आयात किया जाने वाला दूध उन गायों से आए, जिनको कि मांस या फिर खून आधारित पशु उत्पाद नहीं खिलाए जा रहे हों. भारत के लिए यह नॉन निगोशिएबल रेड लाइन के जैसे है, क्योंकि वो अपने उपभोक्ताओं की रक्षा करना चाहता है.
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