पानी के जहाज से भागने के बाद सावरकर का क्या हुआ था, दोबारा कैसे चढ़े थे अंग्रेजों के हत्थे?
Veer Savarkar Death Anniversary: वीर सावरकर से जुड़ा हुआ एक बेहद फेमस किस्सा जहां वीर सावरकर पानी के जहाज से भाग गए थे. लेकिन बाद में अंग्रेजों की पकड़ में आ गए. जानें कैसे हुआ था यह.

Veer Savarkar Death Anniversary: विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें पूरे भारत में वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है. स्वतंत्रता सेनानी, लेखक और राजनीतिज्ञ थे. वीर सावरकर को काला पानी की जेल के चलते भी याद किया जाता है. अंग्रेजों ने उनको अंडमान की सेलुलर जेल में रखा था. जहां लगभग 12 साल तक वह कैद रहे थे. वीर सावरकर ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा वह हिंदू महासभा के बड़े नेताओं में से एक थे.
कल यानी 26 फरवरी के दिन साल 1966 में वीर सावरकर ने अपनी आखिरी सांस ली थी. 26 फरवरी 2025 वीर सावरकर की 59वीं डेथ एनिवर्सरी है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं. वीर सावरकर से जुड़ा हुआ एक बेहद फेमस किस्सा. जहां वीर सावरकर पानी के जहाज से भाग गए थे. लेकिन बाद में अंग्रेजों की पकड़ में आ गए. जानें कैसे हुआ था यह सब.
पानी के जहाज से भागे थे सावरकर
वीर सावरकर को अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया था. 8 जुलाई 1910 को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें एसएस मोरिया नाम के समुद्री जहाज से ले जाया जा रहा था. वीर सावरकर को जब अंग्रेजों द्वारा पानी के जहाज से भारत लाया जा रहा था. तब उनके हाथों में हथकड़ियां नहीं थी. जिस जहाज में उन्हें भारत लाया जा रहा था. जब वह फ्रांस के मार्सिले (Marseille) पहुंचा.
तो इसी बीच वीर सावरकर ने बाथरूम जाने के बहाना बनाया. और बाथरूम में मौजदू एक छोटे से छेद से समुद्र में चलांग लगा दी. इसके बाद वह तैर कर किनारे तक पहुंचे. जिन लोगों को उनकी मदद करने के लिए आना था. वह लोग वहां आ नहीं सके. इसी दौरान उनके पीछे दौड़ रहे है फ़्रांस के सैनिक अफ़सर ब्रिगेडियर पेस्की ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
यह भी पढ़ें: क्या पाकिस्तान में भी होती है होली की छुट्टी, कहां खेला जाता है सबसे ज्यादा रंग?
अंग्रेजों ने दोबारा कर लिया था गिरफ्तार
जब वीर सावरकर के पीछे फ़्रांस सैना के ब्रिगेडियर पेस्की दौड़ रहे थे. और उन्होंने वीर सावरकर को पकड़ लिया. तो वीर सावरकर ने उनसे कहा मुझे एक गिरफ्तार कर लो और मुझे मजिस्ट्रेट के सामने ले चलो. वीर सावरकर को लगता था कि क्योंकि अब वह फ्रांस की जमीन पर है. इसलिए उन पर अगर केस चलाया जाता है. तो फ्रांस के कानून के मुताबिक होगा. क्योंकि फ्रांस की धरती पर ब्रिटिश कानून लागू नहीं होंगे. लेकिन जिस फ्रांसीसी अफसर ने वीर सावरकर को पकड़ा था उसे इंग्लिश नहीं आती थी. इसलिए वह वीर सावरकर की कही गई कोई भी बात नहीं समझ सका. वीर सावरकर को वापस ले जाकर अंग्रेजी सेना को सौंप दिया गया.
यह भी पढ़ें: सावरकर पर किन लोगों की हत्या की साजिश का लगा था आरोप? लिस्ट में सिर्फ गांधी नहीं, ये लोग भी शामिल
मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में
वीर सावरकर फ्रांस में गिरफ्तार किए गए थे. तो वह वहां राजनीतिक शरण पाने के हकदार थे. लेकिन अफसर को उनकी बात समझ नहीं आई और उन्हें ब्रिटिश सैनिकों के हवाले कर दिया. उसके बाद वीर सावरकर को पकड़ के दोबारा से बंद कर दिया गया, यह मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी पहुंचा जहां फ्रांस ने वीर सावरकर के गिरफ्तार किए जाने की आलोचना की लेकिन आखिर में मामला अंग्रेजी हुकूमत के पक्ष में गया.
यह भी पढ़ें: किसके हाथों में है पाकिस्तान में पहुंचे विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा का जिम्मा? ऐसे होती है सिक्योरिटी
Source: IOCL





















