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India SIR: SSR और SIR में क्या होता है फर्क, जानें क्या हैं दोनों के उद्देश्य

India SIR: चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू कर दिया गया है. आइए जानते हैं यह विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण से कैसे अलग है.

India SIR: बड़े चुनावों से पहले भारतीय चुनाव आयोग मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए कई विशेष अभियान चलाता है. इनमें दो प्रक्रियाएं काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं. एक है विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) और एक है विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR). बिहार में एसआईआर का पहला चरण पूरा हो चुका है और अब चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसी बीच आइए जानते हैं कि एसएसआर और एसआईआर में क्या अंतर है.

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण क्या है 

यह प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा आयोजित एक नियमित प्रक्रिया है. यह आमतौर पर साल में एक बार की जाती है. इसका उद्देश्य नए पात्र मतदाताओं को शामिल करके और पुरानी गलतियों को हटाकर मतदाता सूची को अपडेटेड और सटीक बनाए रखना है. 

इस प्रक्रिया के दौरान बूथ स्तर के अधिकारी स्थानीय स्तर पर डेटा का सत्यापन और अपग्रेडेशन करते हैं. हाल ही में 18 साल के हुए नागरिक नाम जोड़ने के लिए इसमें आवेदन कर सकते हैं. जबकि मृत, डुप्लीकेट या फिर स्थानांतरित मतदाताओं के नाम को हटा दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया के बाद मतदाता सूची का मसौदा सार्वजनिक जांच के लिए प्रकाशित कर दिया जाता है और चुनाव आयोग किसी भी गलती को सुधारने के लिए दावों और आपत्तियों को आमंत्रित करता है.

विशेष गहन पुनरीक्षण क्या है 

यह प्रक्रिया काफी ज्यादा व्यापक और विस्तृत प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया को चुनाव आयोग द्वारा तब किया जाता है जब चुनिंदा क्षेत्रों में मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताएं पकड़ी जाए या फिर बड़े पैमाने पर अपग्रेडेशन की जरूरत हो. विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के विपरीत इस प्रक्रिया में बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं ताकि यह पक्का किया जा सके की कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र नाम सूची में ना रहे.

एसएसआर और एसआईआर के बीच अंतर 

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एक सालाना और संक्षिप्त अपग्रेडेशन है. इसमें मतदाता की एंट्रीज को जोड़ने, सुधरने या फिर हटाने के लिए नियमित जांच की जाती है. वहीं दूसरी तरफ विशेष गहन पुनरीक्षण एक व्यापक और एकमुश्त सत्यापन अभियान है. यह तब चलाया जाता है जब चुनाव आयोग को मतदाता डेटाबेस का दोबारा से निर्माण या फिर गहन ऑडिट करने की जरूरत होती है. विषेश गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को आमतौर पर आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव जैसे बड़े चुनावों से पहले शुरू किया जाता है. ताकि पूरी तरह से सत्यापित और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार की जा सके.

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स्पर्श गोयल को कंटेंट राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग में चार साल का अनुभव है.  इन्होंने अपने करियर की शुरुआत नमस्कार भारत से की थी, जहां पर लिखने की बारीकियां सीखते हुए पत्रकारिता और लेखन की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद ये डीएनपी न्यूज नेटवर्क, गाजियाबाद से जुड़े और यहां करीब दो साल तक काम किया.  इस दौरान इन्होंने न्यूज राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग दोनों में अपनी पकड़ मजबूत की.

अब स्पर्श एबीपी के साथ अपनी लेखनी को निखार रहे हैं. इनकी खास रुचि जनरल नॉलेज (GK) बीट में है, जहां ये रोज़ नए विषयों पर रिसर्च करके अपने पाठकों को सरल, रोचक और तथ्यपूर्ण ढंग से जानकारी देते हैं.  

लेखन के अलावा स्पर्श को किताबें पढ़ना और सिनेमा देखना बेहद पसंद है.  स्क्रीनराइटिंग के अनुभव की वजह से ये कहानियों को दिलचस्प अंदाज़ में पेश करने में भी माहिर हैं.  खाली समय में वे नए विषयों पर रिसर्च करना और सोशल मीडिया पर अपडेट रहना पसंद करते हैं.

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