ट्रेन से मथुरा गई थीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कैसी है उनकी स्पेशल ट्रेन? जानें सबकुछ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मथुरा यात्रा पर महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन से गई. इस यात्रा के लिए महाराजा एक्सप्रेस का 16 कोच का स्पेशल रेक इस्तेमाल किया गया था. यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 25 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन के दर्शन करने ट्रेन से पहुंची थीं. राष्ट्रपति की यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलकर फरीदाबाद, पलवल होते हुए वृंदावन पहुंची थी. उनके दौरे को लेकर रेलवे स्टेशनों की लाइनों और ओवरब्रिज पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. वहीं RPF और GRP के जवान भी पूरे क्षेत्र में तैनात किए गए थे. कुछ देर के लिए रेल ट्रैफिक को रोकने का इंतजाम भी किया गया था. इसके अलावा राष्ट्रपति के दौरे के लिए वरिष्ठ अधिकारियों, स्टेशन मास्टर्स, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स गवर्नमेंट रेलवे फोर्स और अन्य कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए लगाया गया था. राष्ट्रपति की यात्रा के लिए शुरुआती और आखिरी स्टेशन अलग-अलग रेलवे जोन में होने के कारण उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के बीच समन्वय बैठाया गया था. ताकि राष्ट्रपति की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और बिना रुकावट के पूरी हो.
जिस ट्रेन से राष्ट्रपति द्रौपदी ने की यात्रा, वह कैसी है?
राष्ट्रपति मथुरा यात्रा पर महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन से गई थीं. इस यात्रा के लिए महाराजा एक्सप्रेस का 16 कोच का स्पेशल रेक इस्तेमाल किया गया था. यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसमें राष्ट्रपति उनके स्टाफ और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. ट्रेन में दो इंजन, दो पावर कार, लग्जरी सुइट, प्रेसिडेंशियल सुइट, डाइनिंग कार, लाउंज और मेडिकल टीम की व्यवस्था थी. राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किए गए प्रेसीडेंशियल सुइट का नाम नवरत्न रखा गया. वहीं उनके परिवार के लिए सुइट का नाम हीरा और मेडिकल टीम के लिए नीलम रखा गया था. इसके अलावा ट्रेन में रेस्टोरेंट भी शाही अंदाज का था. मयूर महल और रंग महल में राष्ट्रपति और उनका स्टाफ आराम से भोजन कर सकें, लाउंज में राजा क्लब और सफारी सेक्शन में सेक्रेटेरिएट के अधिकारी और टीम शामिल थी. राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकी. यह नियम राष्ट्रपति की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया. पूरी ट्रेन एसी थी और सुरक्षा इंतजाम बहुत कड़े थे, इसलिए इसे चलता फिरता राष्ट्रपति भवन जैसा माना जा रहा था.
मथुरा और वृंदावन के दर्शन
राष्ट्रपति ने मथुरा और वृंदावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा किया. वे बांके बिहारी मंदिर, निधिवन] कुब्जा कृष्ण मंदिर और सुदामा कुटी पहुंची. मथुरा में श्री कृष्ण जन्म स्थल पर दर्शन और पूजा अर्चना भी की. इसके अलावा राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान मथुरा और वृंदावन में जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए थे. शहर के रास्तों पर प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया और सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई थी. राज्य पुलिस के 4000 जवान और प्रांतीय सशस्त्र बल की आठ कंपनियां करीब 1000 जवानों के साथ राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान तैनात की गई थी.
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Source: IOCL
























