जेब में हैं इतने रुपये तो आप भी लड़ सकते हैं बिहार का विधानसभा चुनाव, जानें कितनी लगती है फीस?
2025 के अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर सभी पार्टियों की नजर बराबर से बनी हुई है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की कितनी लगती है फीस.

बिहार में चुनावी घमासान चल रहा है. 2025 के अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर सभी पार्टियों की नजर बराबर से बनी हुई है. ऐसे में इस बार बिहार की लड़ाई कौन जीतेगा के प्रश्न पर अक्सर दो-चार नाम ही सामने आते हैं. फिर भी जनता हर बार बिहार की राजनीति में किसी नए चेहरे की उम्मीद में रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर बिहार में कोई विधानसभा चुनाव लड़ना चाहे तो इसमें कितना खर्च आएगा. तो आइए आपको बताते हैं कि बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की कितनी लगती है फीस.
कौन तय करता हैं इलेक्शन के नियम और फीस?
भारत में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया वो संस्थान है जो सभी राज्यों के लोकसभा और विधान सभा चुनावों के लिए मिनिमम एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया से लेकर नियम-कानून तक सभी चीजें तय करती है. इन्हीं नियम कानूनों का पालन कर कोई व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है. फिर चाहे वो यूपी का चुनाव हो या फिर बिहार का.
कौन लड़ सकता है बिहार में चुनाव?
बात करें अगर बिहार चुनाव की तो कोई भी भारतीय नागरिक ये चुनाव लड़ सकता है. इसके लिए एक मिनिमम एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होता है, जिसे फुलफिल करना बेहद जरूरी होता है. इसके बाद आप इलेक्शन में खड़े हो सकते हैं.
बिहार विधान सभा चुनाव लड़ने की फीस
हम में से बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फीस भी देनी पड़ती है. ये फीस चुनाव लड़ने से पहले जमा करनी पड़ती है और इसे सिक्योरिटी डिपोसिट कहा जाता है. दरअसल, Representation of People Act of 1951 के तहत हर किसी कैंडिडेट को 10 हजार रूपये की राशि डिपॉजिट के तौर पर जमा करनी होती है. जनरल कैटेगरी के लिए ये राशि 10 हजार है, जबकि SC/ST कैटेगरी के लिए ये 5 हजार रूपये रखी गई है. इसके अलावा नॉमिनेशन और आगे की किसी प्रोसेस में किसी तरह की कोई फीस जमा करने की जरूरत नहीं होती है.
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