मुस्लिम नहीं हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते थे पाकिस्तान बनवाने वाले मुहम्मद अली जिन्ना, चौंका देगा यह खुलासा
Muhammad Ali Jinnah Was Hindu: पाकिस्तान के कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना की जड़ें हिंदू धर्म से जुड़ी हुई हैं. चलिए जानें कि धर्म के नाम पर पाकिस्तान बनवाने वाले जिन्ना आखिर किस तरह से हिंदू थे.

भारत के दो टुकड़े करके अलग देश पाकिस्तान की नींव रखने वाले मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर आपने कई कहानियां सुनी होंगी. जिन्ना ने आजादी के दौरान धर्म के आधार पर ही अलग देश बनाने की बात कही थी, इसीलिए पाकिस्तान का निर्माण हुआ था. इसी वजह से पाकिस्तान में जिन्ना को राष्ट्रपति का दर्जा दिया जाता है. अलग देश बनाने वाले जिन्ना भारत के तमाम शहरों में घूमते थे. हैरानी की बात तो यह है कि जिस जिन्ना ने धर्म के आधार पर दूसरा देश बनाने की बात कही थी, वो हिंदू परिवार में पैदा हुए थे. चलिए आज जिन्ना के हिंदू से मुस्लिम बनने की कहानी जान लेते हैं.
एक नाराजगी की वजह से बदला धर्म
मोहम्मद अली जिंदा को पाकिस्तान का संस्थापक कहा जाता है, जो कि हिंदू परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता ने सिर्फ एक नाराजगी की वजह से अपना धर्म बदल लिया था और वे मुस्लिम बन गए थे. वे पूरी जिंदगी मुस्लिम धर्म के साथ ही जिंदा रहे और अपने बच्चों को भी इसी धर्म का पालन कराया था. इसके बाद में तो मोहम्मद अली जिन्ना ने धर्म के आधार पर ही पूरा देश बनवा डाला था.
मूल रूप से गुजराती था जिन्ना का परिवार
मोहम्मद अली जिन्ना का परिवार मुख्य तौर पर गुजरात के काठियावाड़ का रहने वाला था. गांधीजी और जिन्ना दोनों की जड़ें इसी जगह से जुड़ी हुई हैं. उनके दादाजी का नाम प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर था. वे हिंदू थे और काठियावाड़ के गांव पनेली के रहने वाले थे. प्रेमजी भाई मछली के कारोबार से पैसे कमाते थे और ऐसे व्यापारी थे, जिनका कारोबार मुंबई में था. प्रेमजी भाई लोहना जाति से थे और उनकी बिरादरी वाले नहीं चाहते थे कि वे मछली का कारोबार करें, क्योंकि वे लोग मांसाहार से सख्त परहेज करते थे.
एक नाराजगी की वजह से बदला धर्म
जब प्रेमजी भाई ने मछली का कारोबार शुरू किया तो उनकी इससे अच्छी कमाई होने लगी और उनकी जाति का विरोध किया जाने लगा. उनको कहा गया कि अगर उन्होंने इस बिजनेस से हाथ नहीं खींचे तो उन्हें जाति से बाहर कर दिया जाएगा. प्रेमजी ने बिजनेस करना जारी रखा और जाति में लौटने की कोशिश की पर बात नहीं बन पाई और उनका बहिष्कार जारी रखा गया. इस बहिष्कार के बावजूद प्रेमजी लगातार हिंदू बने रहे, लेकिन उनके बेटे पुंजालाल ठक्कर को पिता और परिवार का अपमान अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपने चारों बेटों का धर्म ही बदल डाला और वे मुस्लिम बन गए.
अभी भी गुजरात में रहते हैं जिन्ना के रिश्तेदार
हालांकि प्रेमजी भाई के बाकी बेटे हिंदू धर्म में ही रहे, लेकिन जिन्ना के पिता पुंजालाल अपने पिता और भाइयों से अलग हो गए. वे काठियावाड़ से कराची चले गए. वहां पर उनका बिजनेस बढ़िया चला और वे इतने समृद्ध व्यापारी बने कि उनकी कंपनी का ऑफिस लंदन में भी खुल गया था. कहते हैं कि जिन्ना के बहुत सारे हिंदू रिश्तेदार अभी भी गुजरात में रहते हैं.
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Source: IOCL






















